कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें दिसंबर का वेतन नहीं मिला है और जनवरी से काम पर लौटने के कोई आदेश नहीं हैं। चार महीने पहले हड़ताल के बाद यह तय हुआ था कि कर्मचारियों को 31 दिसंबर तक संविदा पर रखा जाएगा और नियम निर्धारित होंगे। साथ ही, उन्हें प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से नहीं लिया जाएगा। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
इस हड़ताल के कारण प्रशासनिक कार्य पूरी तरह बाधित हो गए हैं। टीसी, माइग्रेशन और अन्य जरूरी कामों के लिए आए छात्रों और उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कुलसचिव ने आश्वासन दिया है कि कुलपति महोदया के आने पर ही आगे का निर्णय लिया जाएगा। तब तक हड़ताल जारी रहेगी।