मुस्कान क्लब साप्ताहिक विशेष अंतर्गत पहलगाम में आतंकियो द्वारा निर्दोष पर्यटकों के नरसंहार पर आक्रोश व श्रद्धांजलि कार्यक्रम
हुआ| मीडिया प्रभारी प्रोफेसर विमल शर्मा ने बताया कि मुस्कान क्लब का माहौल आज सर्वथा बदला हुआ था।सभी के चेहरों पर रोष मिश्रित पीड़ा दृष्टिगोचर हो रही थी। निर्धारित कार्यक्रमानुसार आज जितने भी सदस्यों ने, अपनी प्रस्तुतियां दीं, वो सभी किसी न किसी रूप से दिनांक 22/4/25 को कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा किए गए बर्बरता पूर्ण कृत्य से संबंधित थीं।
श्रीमती गीता सिंह द्वारा की गई ईश वंदना के पश्चात् प्रस्तुतियों की शुरुआत एम .पी. माथुर की स्वराची रचना- "और कितनी जानें बेकसूरों की.." के पश्चात डॉ विमल शर्मा कि स्वरचित "बेसरन की चीत्कार" में सरकार से तुरंत प्रतिकार करने की मांग की गई | इसके बाद उषा कुमावत, सुरेखा बाबेल, हरि प्रकाश माली, नलिनी बंधु, रजनी जोशी, हेमा जोशी, कुसुम त्रिपाठी, सरस्वती माहेश्वरी, मधुबाला पंडित, नीलम जी,अशोक चौबीसा, गीतिका जी, के.के.त्रिपाठी तथा एस. एम. पोरवाल ने अपनी प्रस्तुतियां दीं |
इस माह जन्मदिन मना रहे सदस्यों सहित नए सदस्य नारायण लाल कुमावत का ऊपर्णा पहना सम्मान किया गया।
भूपेंद्र शर्मा द्वारा गौशाला हेतु आर्थिक सहायता,हिरणमगरी में योग शिविर एवं हवन के संबंध में जानकारी दी गई |
अंत में सभी सदस्यों ने मोमबत्ती प्रज्वलित कर , तथा दो मिनट का मौन रखकर दिनांक 22/4/25 को कश्मीर में सभी मारे गए बंधुओं को श्रद्धांजली दी।
मंचासीन नरेश शर्मा, एस. एम .पोरवाल , के.के. त्रिपाठी ,अशोक चौबीसा में से नरेश जी शर्मा द्वारा बहुत ही आकर्षक अंदाज में मंच संचालन किया गया। अल्पाहार के पश्चात कार्य क्रम समाप्त किया गया।