अधिवक्ता परिषद ने स्वतंत्र न्यायपालिका की जवाबदेही पर ज्ञापन दिया

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Published on : 25 Apr, 25 06:04

अधिवक्ता परिषद ने स्वतंत्र न्यायपालिका की जवाबदेही पर ज्ञापन दिया

(mohsina bano)

उदयपुर : अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की उदयपुर इकाई ने आज विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश में पारित प्रस्तावों के समर्थन में भारत के राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश के नाम एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष वन्दना उदावत एडवोकेट और जिला अध्यक्ष मनीष शर्मा एडवोकेट के नेतृत्व में जिला कलेक्टर उदयपुर के माध्यम से सौंपा गया।

परिषद के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने बताया कि हालिया उच्च न्यायपालिका की घटनाओं ने देश को फिर से झकझोर दिया है। परिषद उच्च न्यायालयों और अधीनस्थ न्यायालयों में अभ्यासरत अधिवक्ताओं से इस संबंध में फीडबैक प्राप्त कर रही है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए भी जवाबदेही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, और यह जवाबदेही समाज के प्रति होनी चाहिए।

अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा पारित किए गए प्रस्तावों में निम्नलिखित प्रमुख मांगें की गईं:

  1. न्यायपालिका में नियुक्ति और आचरण की निगरानी के लिए एक नया कानून लाया जाए, जिसमें पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

  2. उच्च न्यायपालिका में नियुक्तियों की वर्तमान कोलेजियम प्रणाली में पारदर्शिता लाई जाए।

  3. सर्वोच्च न्यायालय एक स्थायी समिति गठित करे जो न्यायाधीशों की जवाबदेही तय करे।

  4. यदि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के परिवार के सदस्य उसी न्यायालय में अभ्यास करते हैं, तो उन्हें स्थानांतरण की नोटिस दी जाए।

  5. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के परिवार सदस्य को न्यायाधीश के सेवानिवृत्त होने तक उस न्यायालय में अभ्यास की अनुमति न हो।

  6. सेवानिवृत्ति के बाद तीन वर्षों का "कूलिंग पीरियड" अनिवार्य हो।

  7. सर्वोच्च और उच्च न्यायालयों में नियुक्तियाँ एक ही सेवानिवृत्ति आयु के अधीन हों।

  8. उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और उनके परिजनों की संपत्ति की जानकारी हर वर्ष प्रकाशित की जाए।

इस ज्ञापन में वन्दना उदावत, दिनेश गुप्ता, मनीष शर्मा, महेंद्र ओझा, विष्णु शंकर पालीवाल, भूमिका चौबीसा, रामकृपा शर्मा, महेंद्र नागदा, अशोक सिंघवी, गोपाल पालीवाल, जितेंद्र जैन, राकेश मोगरा, मनोज टेलर, ओम प्रकाश टेलर, भारत अजमेरा सहित कई अधिवक्ता शामिल थे।


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