उदयपुर । वन विभाग और डब्ल्यू डब्ल्यू एफ- इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को मेवाड़ बायोडायवर्सिटी पार्क में ईको ट्रेल, फोटो वाक और बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन पर विशेष चर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 7 से 66 वर्ष तक के लगभग 60 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
उपवन संरक्षक उदयपुर उत्तर, अजय चित्तौड़ा ने बताया कि इस वन क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां और वन्य जीव जैसे तेंदुआ, जरख, मधुमक्खियां, तितलियां आदि पाए जाते हैं। उन्होंने इन जीवों के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता जताई।
कार्यक्रम के संचालक डब्ल्यू डब्ल्यू एफ- इंडिया के प्रभारी अधिकारी अरुण सोनी ने बताया कि वन विभाग और डब्ल्यू डब्ल्यू एफ इंडिया के प्रयासों के माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। उन्होंने नगर वन क्षेत्र और मेवाड़ बायोडायवर्सिटी पार्क के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
पक्षी विशेषज्ञ शरद अग्रवाल और विनय दवे ने इंडियन ग्रे हॉर्नबिल, कॉमन आयोरा, इंडियन येलो टिट, इंडियन गोल्डन ओरियोल, येलो फुटेड ग्रीन पीजन, जंगल आउलेट, टिकल्स ब्ल्यू फ्लाइकैचर, चेस्टनट टेल्ड स्टर्लिंग जैसी 45 से अधिक पक्षी प्रजातियों और वन्यजीवों के बारे में जानकारी दी। साथ ही 20 से अधिक वनस्पतियों के बारे में भी विशेषज्ञों ने जानकारी प्रदान की। सभी पक्षियों के फोटो भवानी प्रताप सिंह द्वारा लिए गए।