उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच), उदयपुर के वरिष्ठ श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल लुहाड़िया ने अलवर में आयोजित ‘रेस्पिरेटरी अपडेट’ सम्मेलन में अस्थमा के निदान और उपचार पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। इस सम्मेलन में उन्हें विशिष्ट वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था।
अपने संबोधन में डॉ. लुहाड़िया ने बताया कि अस्थमा एक दीर्घकालिक श्वसन रोग है, जिसमें सांस नलिकाओं में सूजन और संकुचन के कारण सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न, खांसी और घरघराहट जैसी समस्याएं होती हैं। यह रोग एलर्जी, प्रदूषण, धूल, धुआं, मौसम में बदलाव या व्यायाम से ट्रिगर हो सकता है।
उन्होंने बताया कि मरीज के लक्षणों, मेडिकल हिस्ट्री और स्पाइरोमीट्री, पीक फ्लो मीटर, एलर्जी टेस्ट तथा एक्स-रे जैसी जांचों से अस्थमा का सही निदान किया जा सकता है।
डॉ. लुहाड़िया ने कहा कि अस्थमा का स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इनहेलर थेरेपी को उन्होंने सबसे प्रभावशाली, सुरक्षित और तीव्र असरकारक उपचार बताया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इनहेलर एक चिकित्सकीय उपकरण है, न कि कोई लत लगाने वाली वस्तु। यह दवा सीधे फेफड़ों तक पहुंचती है, जिससे दुष्प्रभाव कम होते हैं और रोगी सामान्य जीवन जी सकता है।
सम्मेलन में डॉ. लुहाड़िया के व्याख्यान को विशेषज्ञों द्वारा अत्यंत सराहा गया।