उदयपुर। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), उदयपुर के तत्वावधान में क्षेत्रीय रेल प्रशिक्षण संस्थान, उदयपुर द्वारा मंगलवार को शास्त्री सभागार में पुस्तक समीक्षा प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में उदयपुर के विभिन्न केंद्र सरकार के विभागों के आठ प्रतिभागियों ने विभिन्न विधाओं की पुस्तकों की समीक्षा प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नराकास के सदस्य सचिव श्री गिरिराज पालीवाल थे तथा अध्यक्षता संस्थान के प्राचार्य श्री जय प्रकाश ने की। निर्णायक मंडल में श्रीमती किरण बाला 'किरन' (अध्यक्ष, युगधारा) और डॉ. नीता त्रिवेदी (प्रोफेसर, हिंदी विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय) शामिल थीं।
प्रतियोगिता में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, क्रांतिकारी, तुम पूजित मैं अर्पित, उपसंहार, त्यागपत्र, लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जीवनी, साये में धूप, श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप जैसी प्रमुख पुस्तकों की समीक्षा प्रस्तुत की गई। प्रतिभागियों में सौर वेधशाला, भारतीय जीवन बीमा निगम, भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण, भारतीय खाद्य निगम और क्षेत्रीय रेल प्रशिक्षण संस्थान के अधिकारी शामिल थे।
साहित्यकार श्रीमती किरण बाला 'किरन' ने पुस्तकों के आत्मचिंतनात्मक पठन की महत्ता पर प्रकाश डाला। वहीं प्राचार्य श्री जय प्रकाश ने कहा, “किताबें हमारे ज्ञानवर्धन की सच्ची साथी होती हैं।”
प्रतियोगिता में डॉ. भुवन जोशी (सौर वेधशाला, उदयपुर) को प्रथम स्थान, सुश्री आरती जोशी (श्रीमद्भागवत गीता) को द्वितीय और श्री अक्षय कपूर (क्रांतिकारी) को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम में लगभग 700 प्रशिक्षार्थियों, अधिकारीगण एवं प्रशिक्षकों की गरिमामयी उपस्थिति रही।