-उदयपुर से जावरा वाया बान्सी, धरियावद, प्रतापगढ़ एक्सप्रेसवे सड़क की स्वीकृति की मांग भी की
-उदयपुर से झाडोल मार्ग पर रण घाटी एवं पालियाखेडा से पूर्व घाट सेक्शन में बाधित निर्माण पूरा करने का आग्रह किया
उदयपुर। सांसद मन्नालाल रावत ने दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर आदिवासी क्षेत्र में बांसवाड़ा वाया सलूंबर राज्य मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने तथा उदयपुर से प्रतापगढ़, जावरा वाया बांसी, धरियावद को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने तथा उदयपुर से झाडोल मार्ग पर रण घाटी एवं पालियाखेडा से पूर्व घाट सेक्शन में बाधित निर्माण कार्य को पूर्ण करवाने सहित अन्य मांगों को लेकर पत्र दिया। श्री गडकरी ने जांच एवं समस्या समाधान के लिए सकारात्मक निर्देश उपस्थित अधिकारियों को दिए।
सांसद डॉ रावत ने श्री गडकरी को अवगत कराया गया है कि उदयपुर से बांसवाड़ा वाया सलूम्बर स्टेट हाईवे (एसएच 32) संकीर्ण होकर जाम से ग्रस्त रहता है, जिससे प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाएं होती है। इस मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर चार लेन मार्ग में परिवर्तित करने से समस्या का समाधान हो सकता है।
यह मार्ग उदयपुर संभाग मुख्यालय से जिला सलूम्बर से होकर बांसवाड़ा जिला मुख्यालय को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण सड़क मार्ग है, जिसकी कुल लम्बाई 156.50 किमी है। इस सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग में परिवर्तित करने पर मेवाड एवं वागड क्षेत्र जो मुख्यतः आदिवासी क्षेत्र है, की जनता को कई लाभ होंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग बनने से भविष्य में मेवाड़ एवं वागड़ क्षेत्र की जनता को मध्यप्रदेश (रतलाम) एवं गुजरात (दाहोद) जाने हेतु सुगम यातायात की सुविधा उपलब्ध होगी। इस मार्ग पर सुगम, सुरक्षित व त्वरित सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्राप्त होगी। इस आदिवासी क्षेत्र में विविध कृषि, वन, औद्योगिक उत्पादन की संभावनाएं बनेगी, जिससे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इस सडक पर वर्तमान में दुर्घटनाएं होने के कारण इस क्षेत्र की जनता को दिन-प्रतिदिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। राष्ट्रीय राजमार्ग बनने के पश्चात् दुर्घटनाओं को नियंत्रित किया जा सकेगा।
इसी तरह सांसद डॉ रावत ने उज्जैन महानगरी को उदयपुर तक जोड़ने के लिए उदयपुर से जावरा वाया बान्सी, धरियावद, प्रतापगढ़ एक्सप्रेसवे सड़क की स्वीकृति का आग्रह किया है। पत्र में बताया कि उज्जैन (म०प्र०) से उदयपुर (राज०) की दूरी लगभग 375 कि.मी. है, जिसको पार करने के लिए वर्तमान में 6-8 घंटे का समय लगता है। जानकारी में आया है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उज्जैन से जावरा तक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है, जिससे उज्जैन के लिए 8-लेन एक्सप्रेसवे पर आवागमन सुगम होगा। जावरा से प्रतापगढ़ (राज०) तक 8-लेन एक्सप्रेसवे के सड़क निर्माण के लिए पूर्व में चित्तौड़गढ़ के सांसद सी.पी. जोशी द्वारा भी आग्रह किया गया है।
उदयपुर शहर पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर है। यह झीलो की नगरी का शहर अर्न्तराष्ट्रीय पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उदयपुर से लगभग 50-60 कि.मी. दूरी पर स्थित श्रीकृष्ण से संबंधित श्रीनाथजी (नाथद्वारा) फोर लेन एवं सांवरिया सेठ (मंडफिया) सिक्स लेन सड़क से जुड़े हुये है। उदयपुर शहर से बान्सी, धरियावद, प्रतापगढ़ होते हुये जावरा तक एक्सप्रेसवे बनाने से न सिर्फ धार्मिक आवागमन सुगम एवं द्रुतगति से संभव होगा अपितु, दिल्ली-मुम्बई 8 लेन एक्सप्रेसवे से जुड़ने से उदयपुर, प्रतापगढ़, धरियावद, सलुम्बर आदि जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों का शैक्षणिक एवं औद्योगिक उत्थान में भी वृद्धि होगी। साथ ही उदयपुर से जावरा की दूरी घटकर लगभग 160 कि.मी. की हो जायेगी जिससे कि यातायात का समय 6 घंटे से घटकर लगभग 2 घंटे रह जायेगा।
सांसद डॉ रावत ने दक्षिण राजस्थान के जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों के बहुमुखी विकास एवं क्षेत्रवासियों की मांग को देखते हुए उदयपुर से दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेस-वे के जावरा बिन्दु तक (उदयपुर-बान्सी धरियावद प्रतापगढ़-जावरा) एक्सप्रेसवे सड़क की स्वीकृति जल्द प्रदान करवाने का आग्रह किया।