"राजस्थान दिवस" के उपलक्ष में राजस्थान पर एक कविता गीत प्रस्तुत है राग कलावती में ...

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Published on : 30 Mar, 25 05:03

"राजस्थान दिवस" के उपलक्ष में राजस्थान पर एक कविता गीत प्रस्तुत है राग कलावती में ...

(mohsina bano)
राजस्थान  रंगीला है 🌈 🪩✨

गगन यश गाथा गान करे ..
हुकुम हुकुम सम्मान करे ...
जहां रंगभूमि से रंग उठते है,  
जहाँ शूरो का नोखा सलीका है.. 
ऐसी रंग भूमि रंगरसिया की,
मेरा राजस्थान रंगीला है ....

धरती के हिवड़े से उठते ,
टेसू के रंग की बौछार बड़ी ..
मरुधरा की सुंदर रजनी ने 
गगन में दमकती तारों की लड़ी... 
कंठ से इसके उठते सारंग स्वर ,
यहाँ का कंठ कंठ मधुर सुरीला है...
ऐसी रंग भूमि रंग रसिया की, 
मेरा राजस्थान रंगीला है.....

झुकना ना इसने सीखा है, 
दिल दिल में शूरा जीता है ..
वीरों के रक्त रणधीरों के स्वेद ने,
इसकी धरती को सींचा है..
ऐसा राजस्थान जिसने कर दिया खून को बी सस्ता है
शौर्य गाथा महान है इसकी 
जहाँ लगे औरो का शौर्य फीका है....
ऐसी रंग भूमि रंग रसिया की, 
मेरा राजस्थान रंगीला है.....

मेवाड़ के विजय जय की पताका 
देखो गगन का मान करे...
भारत वर्ष के सभी ह्रदय मन,
महाराणा का सम्मान करे...
जय द्वारकेश, जय एकलिंग 
जय बोलो प्रभु श्रीनाथ री....
जय बोलो चारभुजा नाथ री ...
स्वर्ण लिपि से लिख रहा जग 
यश गाथा इस स्थान की....

मारवाड़ रो मनुवार बखाणु ,
बखाणु हाडौत को स्वागत सत्कार 
शेखावत री चौड़ निराली ,
निरालो सगरो राजस्थान...
दालबाटी चूरमे सो मिठो ,
बांको  गर तो मिरच सो तीखो...
घूमर सो यह नोखो निरालो,
सजी रह्यो जैसे जग राणो....
ऐसा रंग जहाँ का सुंदर ,
कण कण में विजय जहा जीता है ...
ऐसी रंग भूमि रंग रसिया की, 
मेरा राजस्थान रंगीला है.....

पोशाक राजपूती , शान शेखावटी ...
मेवाड़ सा जहाँ दिल है बड़ा...
मारवाड़ के व्यंजन मीठे 
मेवात व्रज का जहां प्रेम भरा...
ऐसे प्रेम शौर्य बलिदान का 
देश ये अद्भुत रस गीला है ....
ऐसी रंग भूमि रंग रसिया की, 
मेरा राजस्थान रंगीला है.....


साभार :


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