बाल विवाह रोकथाम के लिए प्रशासन की सख्त तैयारी

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Published on : 26 Mar, 25 04:03

(mohsina bano)

उदयपुर। आगामी अक्षय तृतीया (30 अप्रैल) और पीपल पूर्णिमा (12 मई) पर संभावित बाल विवाहों को रोकने के लिए जिला प्रशासन अलर्ट है। जिला मजिस्ट्रेट नमित मेहता ने ग्राम व तहसील स्तर पर कमेटियां गठित कर नियंत्रण अधिकारी नियुक्त किए हैं। साथ ही, सभी मुद्रकों को विवाह निमंत्रण पत्रों पर वर-वधू की जन्मतिथि अंकित करने का निर्देश दिया गया है।

सतर्कता दल एवं समितियां गठित

प्रत्येक उपखंड में उपखंड अधिकारी, वृत्ताधिकारी एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को मिलाकर सतर्कता दल बनाए गए हैं। ग्राम स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, बीट कॉन्स्टेबल, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगिनी को शामिल किया गया है, जबकि तहसील स्तरीय समिति में तहसीलदार, विकास अधिकारी एवं थानाधिकारी नियुक्त किए गए हैं।

सामूहिक विवाह आयोजकों के लिए दिशा-निर्देश

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत अधिसूचना जारी कर आयोजकों को निर्देश दिया गया है कि सामूहिक विवाह से सात दिन पूर्व वर-वधू की जन्मतिथि संबंधित उपखंड अधिकारी को प्रस्तुत करनी होगी।

नियंत्रण कक्ष स्थापित

बाल विवाह रोकथाम के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जो 26 मार्च से 15 मई तक 24 घंटे क्रियाशील रहेगा। नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर 0294-2414620 है। इसके अलावा, सभी उपखंड मजिस्ट्रेट कार्यालयों, पुलिस थानों एवं संबंधित अधिकारियों के कार्यालयों में भी नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं।


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