हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा राजसमंद में 70 नए नंदघरों का शुभारंभ, इस वर्ष अब तक 101 नदंघर प्रारंभ

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Published on : 18 Mar, 25 11:03

राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी और हिन्दुस्तान जिं़क के सीईओ अरुण मिश्रा ने किया उद्घाटन

हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा राजसमंद में 70 नए नंदघरों का शुभारंभ, इस वर्ष अब तक 101 नदंघर प्रारंभ

भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड द्वारा अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के सहयोग से राजसमंद जिले में 70 नए नंद घरों का शुभारंभ किया। नंद घर आधुनिक आंगनवाड़ी हैं जो समग्र महिला और बाल विकास के केंद्र के रूप में कार्य करते हैं। इस मील के  पत्थर से पूर्व 31 नंद घरों का उद्घाटन दिसंबर माह में किया गया। जिससे जिले में इन अत्याधुनिक बाल देखभाल और महिला सशक्तिकरण केंद्रों की कुल संख्या इस वर्ष 100 से अधिक हो गई है, जिससे राजस्थान की आंगनवाड़ी बुनियादी ढांचे को और मजबूती मिली है। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा राजस्थान में 15 जिलों में 4200 केंद्रों और राजसमंद में लगभग 700 केंद्रों की उपलब्धि का लक्ष्य है। राष्ट्रीय स्तर पर, नंद घर पहल ने 15 राज्यों में 7,500 से अधिक आंगनवाड़ियों का आधुनिकीकरण किया है, जिसका 3,लाख से अधिक बच्चों और 2 लाख महिलाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। 


राजसमंद जिलें के कुरज में मंगलपुरा विद्यालय प्रांगण में आयोजित उद्घाटन समारोह में राजसमंद विधायक  दीप्ति माहेश्वरी, हिन्दुस्तान जिं़क के सीईओ अरुण मिश्रा, सीएफओ संदीप मोदी, सीएचआरओ मुनीश वासुदेवा, वेदांता ग्रुप सीएसआर हेड अनुपम निधि, हिंदुस्तान जिंक, जिला प्रशासन के अधिकारी, ग्राम सरपंच और स्थानीय समुदाय के सदस्य उपस्थित थे। अतिथियों ने कुरज नंदघर का रिबन काटकर एवं अन्य नंदघरों का डिजिटल उद्घाटन किया। आंगनबाडी कार्यकताओं को प्रतिकात्मक चाबी एवं नंदघर के बच्चों को लर्निग किट प्रदान किए गये। 

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए दीप्ति माहेश्वरी ने समग्र सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने में आधुनिक आंगनवाड़ियों के महत्व पर जोर दिया और राजस्थान के प्रारंभिक बाल्यअवस्था में देखभाल और शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में हिन्दुस्तान जिं़क और अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह राजसमंद के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। नंद घर पहल सरकार, जिला प्रशासन, अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन और हिन्दुस्तान जिं़क के बुनियादी स्तर पर महिलाओं और बच्चों के समग्र विकास और सशक्तिकरण की दिशा में साझा दृष्टिकोण का प्रतीक है।


हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि राजस्थान अपार संभावनाओं की भूमि है और हिन्दुस्तान जिं़क में हम बुनियादी स्तर पर अवसरों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 100 से अधिक नंद घरों का उद्घाटन महिलाओं को सशक्त बनाने और बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और पोषण तक पहुंच प्रदान करके ग्रामीण समुदायों को बदलने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। साथ मिलकर हम एक अधिक सशक्त भारत का निर्माण कर रहे हैं।

नंद घर अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन की प्रमुख सामुदायिक पहल है, जिसे भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। ये आधुनिक आंगनवाड़ियां पोषण कार्यक्रमों, डिजिटल प्रारंभिक बाल्यअवस्था की देखभाल व शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और महिला सशक्तिकरण गतिविधियों के माध्यम से व्यापक विकास के अवसर प्रदान करती हैं। कुरज में नए उद्घाटन किए गए नंद घरों के साथ, राजसमंद और रेलमगरा ब्लॉकों में मौजूदा नंद घरों से हिन्दुस्तान जिं़क राजस्थान के ग्रामीण समुदायों में जमीनी स्तर पर विकास को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह विस्तार अगले दो वर्षों में राजस्थान भर में 25 हजार नंद घर स्थापित करने के अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो स्थायी ग्रामीण परिवर्तन को बढ़ावा देता है। 

ई-लर्निंग टूल्स और स्वास्थ्य सेवाओं से लैस नंद घर ग्रामीण सामुदायिक विकास के लिए एक नया मानदंड स्थापित कर रहे हैं, जो भारत में सतत विकास और सामाजिक परिवर्तन के लिए वेदांता और हिन्दुस्तान जिं़क की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हैं। पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के साथ ही, हिन्दुस्तान जिं़क का सामाजिक प्रभाव महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास, जल और स्वच्छता, बुनियादी सुविधाआंे में सुधार और जमीनी स्तर पर फुटबॉल, कला और संस्कृति को सहयोग कर रहा है। शिक्षा संबल, जीवन तरंग, ऊंची उड़ान, जिंक फुटबॉल अकादमी, सखी और समाधान जैसे प्रमुख कार्यक्रमों ने 4 हजार गांवों में लगभग 20 लाख लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। भारत की शीर्ष 10 सीएसआर कंपनियों में शामिल, हिन्दुस्तान जिं़क की पहल  आत्मनिर्भर राजस्थान के निर्माण के लिए इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है जो समावेशिता, नवाचार और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देती है।


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