जयपुर | संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, रेनबो सोसायटी, जयपुर तथा आई आई एस विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान आज शाम मानसरोवर के ए पी जे अब्दुल कलाम ऑडिटोरियम में दो दिवसीय राष्ट्रीय मूकाभिनय उत्सव का समापन हुआ | प्रसिद्द शिक्षाविद,युगदृष्टा तथा आई आईएस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डाक्टर अशोक गुप्ता को समर्पित इस उत्सव में पश्चिम बंगाल, असम , महाराष्ट्र , दिल्ली और राजस्थान के कलाकारों ने मूकाभिनय की शानदार प्रस्तुतियों समा बाँध दिया |
पश्चिम बंगाल के नामी मूकाभिनय कलाकार सुवेंदु मुखोपाद्याय ने तीनों माइम में अपने आंगिक अभिनय से दर्शकों को अचंभित किया हैं | पहली माइम “इल्यूज़न” में अपने शरीर पर जबरदस्त नियंत्रण का प्रदर्शन किया | दूसरी माइम “लव” और तीसरी माइम डेंटिस्ट के द्वारा दर्शकों को हंसा हंसा कर लोटपोट कर दिया |इनके साथ सुब्रता दास ने अभिनय किया |
ठाणे , महाराष्ट्र के कुणाल मोटलिंग ने अपने मूकाभिनय “ द लोस्ट गिफ्ट” पेश किया | इसमें आजकल के आपाधापी के जीवन से बचपन की उमंगों के गायब होने और उसे फिर से ढूंढने की यात्रा बता कर वाहवाही लूटी | कुणाल मोटलिंग के साथ जयपुर के ही बालकलाकार द्योतिमान खंडेलवाल ने अभिनय किया |जयपुर के आसिफ शेर अली ने अपनी प्रस्तुति “कल्चर” में सनातन संस्कृति के विघटन और प्राकृतिक वस्तुओं से दूरी रखने वाले लोगों पर प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को अपने सटीक अभिनय से प्रस्तुत किया |
मूकाभिनय उत्सव में के दौरान सुबह के समय जिज्ञासुओं और कला प्रेमियों के लिए मूकाभिनय की कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें पद्मश्री निरंजन गोस्वामी ने भारतीय नाट्यशास्त्र के उदाहरण देते हुए प्रशिक्षणार्थियों का ज्ञान वर्धन किया और अभ्यास करवाए | इस दौरान विलास जानवे द्वारा निर्देशित माइम “डस्ट फ्री डस्टबिन” में बच्चों और युवाओं ने मौलिक हास्य के कलेवर में साफ़ सफाई का महत्व बताया |
उत्सव के समापन पर रेनबो सोसायटी ने पद्मश्री निरंजन गोस्वामी का और आई आई एस यूनिवर्सिटी की डाक्टर अदिति खंडेलवाल तथा डाक्टर सुमन राठोर का अभिनंदन किया | इस अवसर पर रह्स्त्रीय नाट्य विद्यालय के स्टेज मेनेजर अभिषेक मुद्गल और गणमान्य अतिथि उपस्थित थे |