उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के फैशन टेक्नोलॉजी एवं डिजाइनिंग विभाग (DFTD) द्वारा महिला सशक्तिकरण और फैशन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विभाग ने इस बात पर जोर दिया कि फैशन केवल बाहरी सौंदर्य का माध्यम नहीं है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता, अभिव्यक्ति और सामाजिक परिवर्तन का सशक्त जरिया भी है।
फैशन: आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता का माध्यम
फैशन केवल वस्त्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को अपने कौशल और शैली के माध्यम से समाज में योगदान देने का अवसर भी प्रदान करता है। विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों में पारंपरिक भारतीय परिधानों को आधुनिक रूप में प्रस्तुत करने पर विशेष ध्यान दिया गया। स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को पारंपरिक तकनीकों के साथ आधुनिक नवाचारों का ज्ञान देकर फैशन उद्योग में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया जा रहा है।
महिला उद्यमिता को बढ़ावा
विभाग महिलाओं को फैशन और वस्त्र उद्योग में उद्यमी बनने के लिए प्रेरित कर रहा है। स्टार्टअप इन्क्यूबेशन प्रोग्राम, प्रदर्शनियों और लाइव इंडस्ट्री प्रोजेक्ट्स के माध्यम से छात्राओं को अपने खुद के लेबल, बुटीक और वस्त्र व्यवसाय स्थापित करने का अवसर दिया जा रहा है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने के लिए मेंटरशिप और औद्योगिक सहयोग की भी सुविधा प्रदान की जा रही है।
हस्तशिल्प और परंपरागत कला का संरक्षण
फैशन टेक्नोलॉजी विभाग का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य भारत की समृद्ध हथकरघा और हस्तकला परंपराओं को बढ़ावा देना भी है। विभाग द्वारा ब्लॉक प्रिंटिंग, बंधनी और कढ़ाई जैसी पारंपरिक कलाओं को आधुनिक फैशन शिक्षा में समाहित किया जा रहा है। इससे न केवल छात्रों को टिकाऊ फैशन की दिशा में काम करने का अवसर मिल रहा है, बल्कि ग्रामीण महिला कारीगरों को भी नए बाजारों से जोड़ा जा रहा है।
महिला दिवस पर विशेष आयोजन
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विभाग द्वारा फैशन शो, पैनल चर्चा और कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिसमें महिला डिजाइनरों, बुनकरों और उद्योग विशेषज्ञों के योगदान को रेखांकित किया गया। इन कार्यक्रमों के माध्यम से छात्राओं को फैशन जगत की चुनौतियों और अवसरों से अवगत कराया गया, जिससे वे अपने करियर को नई दिशा देने में सक्षम हो सकें।
आगे का मार्ग
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय का फैशन टेक्नोलॉजी एवं डिजाइनिंग विभाग भविष्य में भी रचनात्मकता, नवाचार और समावेशिता को प्रोत्साहित करता रहेगा। विभाग का लक्ष्य है कि महिलाएं केवल फैशन की दुनिया में सफल ही न हों, बल्कि इसे सामाजिक परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी बनाएं। क्योंकि जब महिलाएं फैशन के माध्यम से सशक्त होती हैं, तो वे केवल सफलता के लिए तैयार नहीं होतीं, बल्कि खुद सफलता का निर्माण करती हैं।