(prabhat singhal)
कोटा : सरस्वती साहित्य संगम रावतसर (हनुमानगढ़) के तत्वावधान में राष्ट्रीय कवि हलीम आईना को उनके चर्चित कविता संग्रह 'आईना बोलता है!' के लिए स्व. उषा देवी लालचंद सोनी स्मृति राष्ट्रीय काव्य साहित्य सृजक सम्मान - 2025 से अलंकृत किया गया।
द साइंस एकेडमी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. राजूराम बिजारणिया (लूनकरणसर), अध्यक्ष विमल चाण्डक, मंच संचालक-सचिव डॉ. सुभाष सोनी 'अनाम' एवं उनके परिजनों द्वारा सम्मान-पत्र, शॉल, श्रीफल, प्रतीक चिन्ह तथा ₹5100 नकद राशि देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर हलीम आईना ने सबरस काव्य पाठ प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। संस्था अध्यक्ष बद्री लाल दिव्य ने बताया कि हलीम आईना के अब तक तीन कविता संग्रह— 'हँसो भी, हँसाओ भी', 'हँसो, मत हँसो', और 'आईना बोलता है!' प्रकाशित हो चुके हैं। चार दशकों से उनकी कविताएँ देश-विदेश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं एवं संकलनों में प्रकाशित होती रही हैं। साहित्य एवं काव्य मंचों पर हलीम आईना एक जाना-पहचाना नाम हैं।
सम्मान प्राप्ति पर चाँद शेरी, डॉ. अतुल चतुर्वेदी, डॉ. कृष्णा कुमारी, डॉ. पुरुषोत्तम यक़ीन, डॉ. लखन शर्मा, आनंद राठी, नेवालाल गुर्जर, डॉ. चंद्रशेखर सुशील, भगवती प्रसाद गौतम, किशन वर्मा, डॉ. अनीता वर्मा, रामदयाल मेहरा, समद राही, सिराज अहमद, लियाकत अंसारी, रजाक अंसारी सहित कई साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों ने बधाइयाँ प्रेषित की हैं।