राजस्थान को अब मदन और भजन की जोड़ी रास आ गई हैं। पिछले सात महीनों में दोनों नेताओं ने आपसी समझ और समन्वय के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए काम किया है।विधानसभा उप चुनाव में दोनों नेताओं के नेतृत्व में भाजपा को मिली जीत के बाद इन दोनों नेताओं की जोड़ी पर शीर्ष नेतृत्व का भरोसा भी बढ़ा है। इसी भरोसे के बलबूते और आगामी
स्थानीय निकायों और पंचायती राज चुनावों के मद्दे नजर पश्चिम राजस्थान के मारवाड़ अंचल के पाली जिले से आने वाले राज्यसभा के सांसद 70 वर्षीय मदन राठौड़ को एक बार फिर से राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष की कमान सौंपी गई है।
राजस्थान में भाजपा के चुनाव प्रभारी गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने शनिवार को जयपुर में मदन राठौड़ के निर्वाचन की आधिकारिक घोषणा की। इस अवसर पर राजस्थान से 25 राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के नाम का ऐलान भी किया गया। प्रदेश भाजपा प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और अन्य नेताओं की मौजूदगी में यह घोषणा की गई। सांसद मदन राठौड़ को पिछले वर्ष जुलाई में शीर्ष नेतृत्व द्वारा सांसद सी पी जोशी के स्थान पर राजस्थान भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया था।
भाजपा के संगठनात्मक चुनावों के अन्तर्गत राजस्थान में मदन राठौड़ के अलावा किसी भी दूसरे नेता ने अध्यक्ष पद के लिए आवेदन नहीं किया था। अध्यक्ष पद के लिए मदन राठौड़ के नामांकन पत्र पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा,पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, शहर जिला अध्यक्ष अमित गोयल सहित 5 प्रस्तावक बने थे। शुक्रवार को शाम 4:30 बजे तक अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरे गए थे। इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच की गई। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव प्रभारी विजय रूपाणी ने कहा कि नामांकन फॉर्म भरने का समय पूरा हो गया हैं। उन्होंने बताया कि हमें पांच नामांकन फॉर्म के सेट मिले हैं, जिनमें एक ही नाम मदन राठौड़ का है। इस प्रकार मदन राठौड़ का राजस्थान भाजपा अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया था।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मदन राठौड़ को पुनः प्रदेशाध्यक्ष बनने पर अपनी बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने सभी 25 राष्ट्रीय परिषद सदस्यों को भी अपनी बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मदन राठौड़ ने पिछले सात महीनों में बेहतर काम करके दिखाया हैं। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि सत्ता और संगठन दोनों एक-दूसरे के पूरक होते है। उन्होंने विश्वास पूर्वक कहा कि मदन राठौड़ के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा निरंतर आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान के कार्यकर्ताओं की समस्त टोली पर भी मुझे पूरा भरोसा है क्यों कि ये कार्यकर्ता तन, मन और धन से हर चुनौती को पूरा करते हैं। कार्यकर्ताओं के इस समर्पण भाव के चलते ही भाजपा सत्ता में आई है। उन्होंने कहा जब हमारा संगठन सक्रिय रूप से काम करता है तभी हमें अपेक्षित सफलताएं मिलती है।भाजपा पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र बहुत मजबूत है और सच्चे अर्थों में संगठन ही पार्टी की असली ताकत है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से राजस्थान में होने वाले आगामी पंचायत और निकाय चुनाव के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम विकास के विजन को पूरा करेंगे। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में हमारे चुनावी संकल्प पत्र के 50 से 55 प्रतीक्षा वादे पूरे कर दिए गए हैं । राजस्थान में मजबूती के साथ काम हो रहा है। हम युवाओं को नौकरियां देकर उनके विश्वास पर खरा उतरने का काम कर रहे हैं। जुलाई तक हम एक लाख युवाओं को नौकरी देंगे। हमारी सरकार जनता से किए गए एक एक वादा को पूरा करेगी। हम सभी विषय लेकर जनता के बीच जाएंगे। मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि विधानसभा में हाल ही प्रस्तुत बजट को लेकर हमारे सभी मंत्री अपने अपने क्षेत्रों में जाएंगे तथा बजट के क्रियान्वयन के लिए अपडेट लेते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने पांच साल में बिजली के लिए कुछ नहीं किया।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पार्टी में एकता का संदेश देते हुए ‘एकजुट, नो गुट, एक मुख’ का नारा दिया। इससे साफ संकेत मिलता है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश नेतृत्व को गुटबाजी से दूर रखना चाहता है।
इस अवसर पर प्रदेश भाजपा प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा कि मदन राठौड़ ने पिछले 7 माह के अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में अपनी कार्य कुशलता और कुशल नेतृत्व से बेहतर काम करके दिखाया हैं। यही कारण है किसी ने उनके सामने नामांकन दाखिल नहीं किया। साथ ही उन्होंने रहस्योद्घाटन किया कि पूर्व में तीन पार्टी नेताओं ने अध्यक्ष पद के लिए पर्चा दाखिल करने की बात कही लिपथी,लेकिन वह सभी बिना पर्चा भरे ही लौट गए। इसलिए कहना चाहूंगा राजस्थान में मदन राठौड़ की लोकप्रियता बहुत अधिक है और वे सभी पार्टी नेताओं और कार्यकताओं में सर्व सम्मति से स्वीकार्य नेता हैं।
अग्रवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को सावचेत किया कि पंचायत का चुनाव दूर नहीं, इसलिए संगठन को मुस्तैदी से काम करना होगा। हम ऐसा काम करें कि दिल्ली भी कहें कि राजस्थान में भजनलाल की सरकार मजबूत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी बहन वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री के साथ हैं। आज भी पूरे राजस्थान में वसुंधरा राजे की जबर्दस्त लोकप्रियता है। आपने कह भी दिया है कि हम कंधे से कंधा मिलाकर मुख्यमंत्री का सहयोग करेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि हमे यह नहीं भूलना होगा कि राजस्थान की 11 लोकसभा सीट हमारे पास नहीं है। साथ ही कुछ विधानसभा सीट भी हमारे पास नहीं है। हमें प्रतिपक्ष की चुनौतियों का हिम्मत के साथ सामना करना होगा। साथ ही उनकी विफलताओं को भी उजागर करना होगा।
इस अवसर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के साथ ही राजस्थान से 25 राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के जिन नेताओं के नामों का ऐलान किया गया है उनमें शामिल प्रमुख नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, दोनों उप मुख्यमंत्री दीयाकुमारी और प्रेमचंद बैरवा, पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, अशोक परनामी, सतीश पूनिया, सांसद सीपी जोशी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम प्रमुख है। वहीं, अन्य नेताओं में पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत, नारायण लाल पंचारिया एवं कनक मल कटारा, केबिनेट मंत्री मदन दिलावर, जोगाराम पटेल, भाजपा नेता अलका गुर्जर,पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी,अनीता भदेल, रामकिशोर मीणा के साथ ही रमेश यादव, जसवंत सिंह गुर्जर, अजय पाल सिंह, निर्मल कुमावत, प्रसन जीत मेहता, प्रताप लाल और ओमप्रकाश के नाम भी शामिल हैं।
देखना है आने वाले समय में भाजपा की यह नई टीम देश के सबसे बड़े भौगोलिक प्रदेश राजस्थान के चहुमुखी विकास और देश ही नहीं दुनिया की सबसे बड़े राजनीतिक दल भाजपा की मजबूती के लिए किस प्रकार अपने कामों को अंजाम देंगी। आने वाले समय में प्रदेश में होने वाले स्थानीय निकायों और पंचायती राज चुनावों में भी भाजपा को विजय दिलाने की गुरुत्तर जिम्मेदारी प्रदेश भाजपा के नव निर्वाचित अध्यक्ष मदन राठौड़ और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की जोड़ी पर ही रहने वाली हैं। देखना है भाजपा का विधानसभा उप चुनावों में जीत का रिकॉर्ड आने वाले निकाय और पंचायत चुनावों में भी बरकरार रहेगा अथवा नहीं?