उदयपुर। क्षेत्र में तकनीकी प्रगति और युवा प्रतिभाओं के योगदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राजस्थान उदयपुर चैप्टर और स्टूडेंट चैप्टर द्वारा उदयपुर के कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग (सीटीएई) के सहयोग से फ्यूचर ऑफ माइनिंगःडिजिटल सशक्तिकरण और युवा-प्रेरित स्थिरता विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का सीटीएई कॉलेज में प्रारम्भ हुआ। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश से खनिज विशेषज्ञ भाग ले रहे है।
सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में खान एवं भू विज्ञान विभाग के निदेशक दीपक तंवर, विशिष्ठ अतिथि सीटीएई कॉलेज के डीन सुनील जोशी व समारोह अध्यक्ष एमईएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. एन. माथुर ने दीप प्रज्जवलन कर किया। इस अवसर पर तवंर ने छात्रो को नई तकनीक और खनन क्षेत्र में एआई के हो रहे उपयोग की जानकारी दी।
विशिष्ट अतिथि सुनील जोशी ने सीटीएई कॉलेज द्वारा इस क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो एवं अनुसंधानों के बारें में जानकारी दी।
कॉलेज के माईनिंग विभाग के प्रो. एवं हेड डॉ. अनुपम भटनागर ने खनन में क्षेत्र में हो रही नवीन तकनीकों की जानकारी देते हुए युवाओं को इस क्षेत्र में हर पल अपडेट रहने का आव्हान किया।
एमईएआई उदयपुर चेप्टर के आसिफ़ एम.अंसारी ने उदयपुर चैप्टर द्वारा इस क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो के बारें मंे बताते हुए कहा कि उदयपुर चेप्टर को अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन करनें का अवसर मिला। यह देश में पहली बार खनन छात्रों की अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेन्स है।
एमईएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. एन. माथुर ने द स्टूडेन्ट एण्ड बाय द स्टूडेन्ट के कॉन्सेपट पर बात की। आयोजन सचिव डॉ. हितांशु कौशल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सम्मेलन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस सम्मेलन में छात्रों, शोधकर्ताओं और खनन उद्योग के विशेषज्ञों के बीच डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, एआई, ऑटोमेशन, सस्टेनेबिलिटी और नीतिगत ढांचे जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।
सम्मेलन में आईआईटी बीएचयू, आईआईटी खड़गपुर, सीटीएई उदयपुर, एमबीएम जोधपुर और एसपीएसयू उदयपुर सहित देश-विदेश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों से जुड़े विशेषज्ञों द्वारा लगभग 25 तकनीकी शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इन शोध पत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, सतत खनन प्रथाएं, पर्यावरणीय उत्तरदायित्व, डिजिटल परिवर्तन और सामुदायिक संबंधों के निर्माण पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर प्रमुख अतिथियों ने सम्मेलन के उद्देश्यों की सराहना की और कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल छात्रों की प्रतिभा को एक मंच प्रदान करते हैं, बल्कि उद्योग और अकादमिक जगत के बीच एक सेतु का कार्य भी करते हैं। पहले दिन के दो तकनीकी सत्रों में छात्रों और विशेषज्ञों के बीच सजीव चर्चा हुई, जिसमें एआई और रिमोट सेंसिंग के जरिए खनिज अन्वेषणऔर सर्वेक्षण में हो रहे नवीनतम परिवर्तनों पर विशेष रूप से चर्चा की गई।
सम्मेलन के दूसरे दिन कल तकनीकी प्रस्तुतियों के साथ-साथ सामुदायिक विकास, प्रौद्योगिकी के माध्यम से सामाजिक समरसता और खनन क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा होगी।
सम्मेलन के प्रमुख विषय-कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रोबोटिक्स द्वारा सुरक्षित एवं कुशल खनन संचालन,सतत खनन पद्धतियां और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व,रिमोट सेंसिंग और भूभौतिकी में नवीनतम प्रगति,खनन क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन और ऑटोमेशन, डिजिटल खनन के लिए नीतिगत और नियामक ढांचे, सामुदायिक संबंधों का निर्माण और तकनीकी नवाचार पर कल चर्चज्ञ की जायेगी।
इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ने उदयपुर को वैश्विक स्तर पर खनन और तकनीकी नवाचारों के क्षेत्र में एक अहम स्थान प्रदान किया है, और इससे जुड़े छात्रों, शोधकर्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों में अपार उत्साह देखा गया। सीटीएई के माईनिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर विवेक मीना ने आभार ज्ञापित किया।