पेसिफिक विवि में इंजीनियरिंग एवं कंप्यूटर संकाय द्वारा ‘इमर्जिंग टेक्नोलॉजी तथा इनोवेशन’ विषय पर दो दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है|
कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि एम बी एम विवि,जोधपुर एवं बीकानेर टेक्निकल विवि के कुलपति प्रो अजय कुमार शर्माने बताया कीआज का युग प्रौद्योगिकी और नवाचार का युग है।युवाओ में रोज़गार बढ़ाने के लिए हमे शिक्षा में तकनीक को जोड़ना होगा, भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए नई तकनीकों को अपनाना होगा और सतत विकास के लिए नवाचार को बढ़ावा देना होगा।
मुख्य वक्ता प्रो.अनुपम भटनागर ने बताया कीआज के डिजिटल युग मेंइमर्जिंग टेक्नोलॉजीऔरइनोवेशनसमाज और उद्योगों के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इमर्जिंग टेक्नोलॉजी का अर्थ है वे नई और उन्नत तकनीकें जो भविष्य में व्यापक रूप से उपयोग में लाई जा सकती हैं। ये तकनीकें विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं और हमारे जीवन को आसान बना रही हैं।इमर्जिंग टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हमारे जीवन को अधिक सुविधाजनक, कुशल और सुरक्षित बना रहे हैं। यदि इनका सही ढंग से उपयोग किया जाए, तो ये तकनीकें शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और पर्यावरण संरक्षण में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती हैं। तकनीकी नवाचारों को अपनाकर और उनमें सुधार कर हम भविष्य के लिए एक उज्जवल और विकसित समाज की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
कांफ्रेंस के विशिष्ठ अतिथि विवि के ग्रुप प्रेसिडेंट प्रो. बी.पी. शर्मा ने टेक्नो-नेशलिज़म पर जोर देते हुए बताया की हमे राष्ट्र की जरुरत के अनुसार तकनीक को विकसित करना होगा | इनका सही उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धियां हासिल करने में मदद कर सकता है। भविष्य में ये तकनीकें और अधिक परिष्कृत होकर नए अवसरों को जन्म देंगी।
कांफ्रेंस के विशिष्ठ अतिथि विवि केप्रेसिडेंट प्रो.हेमंत कोठारी ने बताया कियह कांफ्रेंस शोधार्थियों को नया धरातल प्रदान करेगी जिससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन, और रोबोटिक्स से जुड़े नवाचार वैश्विक स्तर पर औद्योगिक क्रांति ला सकते हैं
कांफ्रेंस चेयरमेन प्रो. दिलेन्द्र हिरनबताया की यह सम्मेलन तकनीकी उन्नति और नवाचार के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा हैं|यह सम्मेलन वैश्विक नवाचार को नई दिशा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा ।
कांफ्रेंस सचिव डॉ. शंकर पटेलने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया की कांफ्रेंसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधि अपने नवाचारों और शोध-पत्रों कोओरल,पोस्टर तथा ऑनलाइन मोड मे प्रस्तुत करंगे|कांफ्रेंसमेभारत समेत अमेरिका, कुवैत,नेपाल आदि देशो के 144 वैज्ञानिकों व शोधकर्ताभाग ले रहे हैं|