कोटा साहित्यिक गतिविधियों में डॉ. प्रभात कुमार सिंघल की महत्वपूर्ण भूमिका और पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार

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Published on : 17 Feb, 25 06:02

कोटा साहित्यिक गतिविधियों में डॉ. प्रभात कुमार सिंघल की महत्वपूर्ण भूमिका और पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार

(prabhat kumar singhal)

कोटा साहित्यिक गतिविधियों के समन्वयक बने डॉ. प्रभात कुमार सिंघल ने साहित्यिक गतिविधियों को मित्रता और प्रतिस्पर्द्धा के साथ नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। डॉ. सिंघल ने कोटा की साहित्यिक दुनिया को नए पंख दिए और साहित्यकारों के बीच सहयोग और प्रतिस्पर्द्धा को प्रोत्साहित किया। वे कोटा की सबसे पुरानी साहित्यिक संस्था, भारतेन्दु समिति कोटा के समन्वयक के रूप में काम कर रहे हैं।

डॉ. सिंघल का मानना है कि साहित्यकारों के बीच एकजुटता और सहयोग के बिना साहित्यिक गतिविधियों को पंख नहीं लग सकते। उन्होंने कोटा के प्रसिद्ध साहित्यकारों को राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया और उन्हें सम्मानित किया। उनकी समन्वयक की भूमिका ने कोटा के साहित्यिक माहौल में उत्साह और जागरूकता का माहौल पैदा किया। उनके द्वारा आयोजित गोष्ठियों और कार्यक्रमों में कोटा के वरिष्ठ साहित्यकारों को राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर सम्मानित किया गया।

पुरस्कार प्राप्त साहित्यकारों में जितेंद्र निर्मोही, विजय जोशी, डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, डॉ. कृष्ण कुमारी, अतुल कनक, अतुल चतुर्वेदी, ओम जी, कुंवर जावेद, शकूर अनवर, बशीर अहमद मयूख, नरेंद्र नाथ चतुर्वेदी, क्षमा चतुर्वेदी, हरिचरण अहरवाल, अम्बिका दत्त, दुर्गादान सिंह गौड़, ओम नागर, मुकुट मणिराज, विश्वामित्र दाधीच, कवि कल्याण सिंह शेखावत, किशन रत्नानी, हलीम आयना, चाँद शेरी, महेश पंचोली, पुरुषोत्तम पंचोली, सुरेश अलबेला, जगदीश सोलंकी और कई अन्य साहित्यकारों के नाम शामिल हैं।

इन सभी साहित्यकारों के योगदान से कोटा के साहित्यिक गतिविधियों में फिर से नयापन आया है। महिलाओं, बच्चों, पुरुषों और साहित्यकारों के बीच लेखन की प्रेरणा बढ़ी है। डॉ. सिंघल ने साहित्यिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिस्पर्द्धाओं का आयोजन किया, जहां साहित्यकारों ने अपने लेखन का प्रदर्शन किया और सम्मान प्राप्त किया।

डॉ. सिंघल के नेतृत्व में कोटा में साहित्यिक गतिविधियों को एक नई दिशा मिली है, और कोटा के साहित्यकारों ने इसे न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश में एक महत्वपूर्ण साहित्यिक केंद्र बना दिया है।


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