भारत के चंद्र अभियान पर व्याख्यान आयोजित

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Published on : 13 Feb, 25 18:02

पी ऐस एल वी प्रक्षेपण बना चंद्रयान प्रथम मिशन का पथ प्रदर्शक - डॉ नरेंद्र भंडारी

भारत के चंद्र अभियान पर व्याख्यान आयोजित

उदयपुर | पी ऐस एल वी प्रक्षेपण चंद्रयान प्रथम मिशन का पथ प्रदर्शक बना यह कहना था भारत मे चंद्रयान के जनक डॉ नरेंद्र भंडारी का |  विज्ञान समिति द्वारा शहर के अति प्रबुद्ध एवं  विद्यार्थियों के लिए आयोजित "भारत के चंद्र अभियान" व्याख्यान मे बोलते हुए डॉ भंडारी ने कहा की पी ऐस एल वी के सफल प्रक्षेपण के साथ ही 50 किलोग्राम वजन तक का मॉडयुल चन्द्रमा पहुंचाने की उम्मीद बनी | विडंबना यह थी की उस समय सबसे छोटा कैमरा भी 200 किलो का था | गर्व है की चुनौती स्वीकार करते हुए हमारे वैज्ञानिको ने सभी जरुरी 10 उपकरण मात्र 40 किलो मे बना लिए परिणाम स्वरुप हमारे पास विदेशो के अतिरिक्त उपकरण ले जाने की गुंजाईश रही | दुनिया के देश जो कभी हमें सैटेलाईट ट्रैकिंग यूनिट लोन पर भी देने से मना करते आज हमसे प्रक्षेपण कराते है | चंद्रयान प्रथम मिशन को मूर्त रूप देने मे उदयपुर - 2004 संगोष्ठी की महती भूमिका रही | जिसमे डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम सहित सभी शीर्ष अतंरिक्ष वैज्ञानिकों की हरि झंडी से कार्य शुरू हुआ | 2008 मे छोड़ा गया चंद्रयान प्रथम मिशन 312 दिन का रहा व इसने चंद्रमा की सतह को सफलतापूर्वक छुआ व वहां पानी होने की खोज की | चंद्रमा पर विशालकाय गड्ढों  के नाम साराभाई, सहा, बोस व भाभा के नाम पर रखना उनकी विश्व विख्यात छवि कों दर्शाता है |
मीडिया प्रभारी प्रोफेसर विमल शर्मा ने बताया की संस्था गीत व सरस्वती वंदना के पश्चात विज्ञान समिति अध्यक्ष प्रो महिप भटनागर ने स्वागत उद्बोधन दिया व सुरेंद्र पोखरना ने मुख्य वक्ता डॉ भंडारी का जीवन परिचय देते हुए बताया की डॉ भंडारी अग्रिम पंक्ति के अतंरिक्ष वैज्ञानिक है, इन्होने अपॉलो मिशन मे लाई चंद्रमा की मिट्टी का भारत मे विस्तार से विश्लेषण किया है व भारत के चंद्रयान मिशन के जनक के रूप मे पहचाने जाते है| कुल प्रमुख डॉ के एल कोठारी व मंचासीन ने शॉल उपरणा व स्मृति चिन्ह देकर डॉ भंडारी का सम्मान किया | डॉ आर के गर्ग ने कार्यक्रम का संचालन किया
स्कूली बच्चों की ये रहीँ जिज्ञासा :
महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल, ज्योति सीनियर सेकेंडरी स्कूल,  गुरुनानक पब्लिक स्कूल, वर्धमान पब्लिक स्कूल, आर एम वी पब्लिक स्कूल, दिगम्बर जैन स्कूल, ज्ञान मंदिर स्कूल, आदिनाथ सीनियर सेकेंडरी स्कूल से करीब 220 छात्रों की चंद्रमा व चंद्रयान मिशन मे गहन जिज्ञासा रही |  विद्यार्थीयों के डा भंडारी से रोचक प्रश्न किये जैसे - क्या चंद पर बारिश होती है, वहां पाया जाने वाला पानी कहाँ से आया, क्या चाँद पर रहना संभव होगा, चाँद का अध्ययन करने से क्या लाभ आदि | सभी का डॉ भंडारी ने वैज्ञानिक विश्लेषण के साथ उत्तर दिया जिसे सुनकर विद्यार्थी बहुत प्रभावित हुऐ |
डा. दौलत सिंह कोठारी संस्थान के अन्तर्गत “घर घर में विज्ञान, घर घर में नवाचार प्रतियोगिता”  मे प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले को विशेष वैज्ञानिक उपकरण प्रदान किये गये जिनमे चुम्बक, प्रिज्म , कम्पास नीडिल, कोनवेक्स लैंस , वरनियर कैलीपर्स, स्क्रु गैज, मैगनीफाईगं ग्लास प्रमुख थे | अन्य प्रतिभगियो को भी प्रमाण पत्र व उपकरण उपहार स्वरूप दिये गये।  प्रधानाचार्य डा. ऋतु भटनागर को एक टूल बाक्स भेंट किया गया ताकि विज्ञान और प्रायोगिक शिक्षा बच्चे घर और स्कुल से ही प्रारम्भ कर सके । सभी अपना पुरुस्कार महान वैज्ञानिक डा. नरेन्द्र भण्डारी से पाकर गौरान्वित हुए |


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