(mohsina bano)
उदयपुर के गीतांजली हॉस्पिटल के नेत्र रोग विभाग की विट्रियो-रेटिना यूनिट की विशेषज्ञ टीम ने 10 वर्षीय रोगी की आंखों की रोशनी बचाकर चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की।
नेत्र एवं पर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ. रिनी सुखवाल और हर्मोन एवं डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल साहलोत के नेतृत्व में डॉ. गीतिका, डॉ. रेनू, डॉ. ऋषभ, डॉ. प्रांजल और डॉ. कल्पेश की टीम ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। रोगी टाइप-1 डायबिटीज मेलिटस से पीड़ित थी, जिसका ब्लड शुगर 650 mg/dl तक पहुंच चुका था और HBA1c स्तर 15% हो गया था, जिससे उसकी दाहिनी आंख की रोशनी पूरी तरह समाप्त हो गई थी। गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे तुरंत गीतांजली हॉस्पिटल में भर्ती कर 5 दिनों तक गहन चिकित्सा से ब्लड शुगर नियंत्रित किया गया।
स्थिति स्थिर होने पर उसकी जटिल विट्रियो-रेटिना सर्जरी और आईओएल (इंट्रा ऑक्युलर लेंस) प्रत्यारोपण विट्रियो-रेटिना सर्ज़न डॉ. रिनी सुखवाल द्वारा किया गया। गीतांजली मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में हुई इस सफल सर्जरी के बाद अगले ही दिन रोगी की दृष्टि 6/9 तक पहुंच गई। यह उपलब्धि डॉक्टरों की कुशलता और समर्पण का प्रमाण है तथा यह सिद्ध करती है कि गीतांजली हॉस्पिटल में अत्याधुनिक चिकित्सा पद्धतियों से गंभीर बीमारियों का प्रभावी उपचार संभव है।
इस सफलता ने न केवल रोगी और उसके परिवार को खुशी दी, बल्कि यह भी प्रेरित किया कि सही समय पर उचित इलाज से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि गीतांजली हॉस्पिटल का नेत्र रोग विभाग अत्याधुनिक सुविधाओं और अनुभवी डॉक्टर्स की टीम के साथ मरीजों के इलाज हेतु सदैव तत्पर है। गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर, पिछले 17 वर्षों से एक ही छत के नीचे विश्वस्तरीय सेवाएँ प्रदान कर रहा है।