(mohsina bano)
उदयपुर,"ई.पी.आर. सम्बन्धी नियमों की अनुपालना अनिवार्य है, अन्यथा उद्योग और व्यवसाय बंद हो जाएंगे।" यह बात राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के क्षेत्रीय अधिकारी श्री शरद सक्सेना ने यूसीसीआई में आयोजित सेमिनार के दौरान कही।
यह सेमिनार उदयपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट एंड रिसर्च सेंटर ट्रस्ट एवं उदयपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के संयुक्त तत्वावधान में पायरोटेक टेम्पसन्स सभागार में आयोजित किया गया। इसका विषय "ई.पी.आर.: स्ट्रेटजीज फॉर वेस्ट मैनेजमेंट एंड प्रोड्यूसर्स अकाउंटेबिलिटी" था।
सेमिनार में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के क्षेत्रीय अधिकारी श्री शरत सक्सेना, बिसलेरी इंटरनेशनल के निदेशक श्री के. गणेश और सी.ई.ई. नई दिल्ली के निदेशक श्री प्रभजोत सोढ़ी विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। इसमें विभिन्न उद्योगों और व्यवसायों से जुड़े लगभग 75 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत में यूसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री मनीष गलुंडिया ने स्वागत भाषण दिया और ई.पी.आर. के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि औद्योगिक उत्पादन प्रक्रिया के दौरान हानिकारक अपशिष्ट का उत्सर्जन अवश्यंभावी है, जिसे पुनर्चक्रण द्वारा उपयोग में लाना आवश्यक है।
उदयपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट एंड रिसर्च सेंटर के कार्यकारी अध्यक्ष श्री कोमल कोठारी ने कहा कि वर्तमान ई.पी.आर. नियमों की जानकारी का अभाव उद्योगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अपशिष्ट प्रबंधन एवं पर्यावरण संरक्षण नियमों के तहत ई.पी.आर. अनुपालना को अनिवार्य किया है।
सी.एस.आर. मेहता ने विषय विशेषज्ञों का परिचय दिया।
विषय विशेषज्ञ श्री प्रभजोत सोढ़ी ने प्लास्टिक उद्योग में ई.पी.आर. की आवश्यकताओं और इससे मिलने वाले अवसरों पर प्रकाश डाला।
बिसलेरी इंटरनेशनल के निदेशक श्री के. गणेश ने निर्माण उद्योग, आयातकों एवं ब्रांड धारकों के लिए ई.पी.आर. प्रक्रिया की कार्यप्रणाली समझाई।
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के क्षेत्रीय अधिकारी श्री शरद सक्सेना ने प्लास्टिक उद्योग में ई.पी.आर. पर केस स्टडी प्रस्तुत की।
स्लाइड शो के माध्यम से यह बताया गया कि ई.पी.आर. नियमों के उल्लंघन पर व्यवसायों पर जुर्माना लगाया जा सकता है, और नियमों की अनदेखी करने पर बिजनेस संचालन बंद भी किया जा सकता है।
प्रश्नकाल के दौरान प्रतिभागियों की ई.पी.आर. नियमों से जुड़ी शंकाओं एवं जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. साक्षी जैन द्वारा किया गया।
इसमें री सस्टेनेबिलिटी लिमिटेड, फिनिलूप, मैकसन लैबोरेट्रीज, मेवाड़ पॉलीटेक्स, पायरोटेक, रविंद्र हेराइज, सिक्योर मीटर्स, वंडर सीमेंट, वॉलकेम इंडिया, रॉक स्टोन इंडस्ट्री, दीपक इंटरप्राइजेज, जी.आर. इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स सहित 75 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के अंत में कोषाध्यक्ष श्री प्रकाशचंद्र बोलिया ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।