उदयपुर, राजस्थान विद्यापीठ के कुल प्रमुख (कुलप्रमुख) भंवरलाल गुर्जर को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड-टू-बी विश्वविद्यालय का कुलाधिपति नियुक्त किया गया। इस महत्वपूर्ण घोषणा को कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने मिठाई खिलाकर सार्वजनिक रूप से घोषित किया। इस अवसर पर विद्यापीठ के प्रबुद्धजन एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने भंवरलाल गुर्जर के पांच दशक से अधिक लंबे सेवाकाल की सराहना करते हुए कहा कि उनकी निष्ठा और समर्पण के कारण राजस्थान विद्यापीठ आज राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बना चुका है। उनकी अथक मेहनत और नेतृत्व क्षमता ने संस्थान को शिक्षा, अनुसंधान और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक नए आयाम तक पहुँचाया है।
भंवरलाल गुर्जर का योगदान और उपलब्धियां
गुर्जर के नेतृत्व में राजस्थान विद्यापीठ ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
शैक्षणिक विस्तार: उन्होंने समय के साथ नए पाठ्यक्रमों को जोड़ा और आधुनिक शिक्षा प्रणाली के अनुरूप विद्यापीठ के पाठ्यक्रमों को उन्नत किया, जिससे छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने का अवसर मिला।
इंफ्रास्ट्रक्चर विकास: विद्यापीठ के विभिन्न परिसरों में नए शिक्षण भवन, छात्रावास, शोध केंद्र एवं अन्य सुविधाओं का विस्तार किया गया, जिससे संस्थान की गुणवत्ता में सुधार हुआ।
वंचित वर्गों को शिक्षा का अवसर: विद्यापीठ की स्थापना के मूल उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए गुर्जर ने समाज के कमजोर वर्गों के लिए छात्रवृत्ति और अन्य शैक्षणिक सहायता की व्यवस्था करवाई, जिससे हजारों विद्यार्थियों को लाभ मिला।
अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा: उनके कार्यकाल में अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा मिला, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग बढ़ा और कई क्षेत्रों में शोध को नई दिशा मिली।
छात्र-हितैषी पहल: विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए मेंटरशिप प्रोग्राम, लाइब्रेरी सुविधाएं और अन्य संसाधनों को बेहतर किया गया, जिससे वर्तमान में विद्यापीठ में अध्ययनरत 10,000 छात्रों को लाभ मिल रहा है।
घोषणा के बाद हर्षोल्लास का माहौल
कुलाधिपति पद की घोषणा होते ही विद्यापीठ परिसर में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी। कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों ने भंवरलाल गुर्जर को फूल-मालाओं से लाद दिया और बधाइयों का तांता लग गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, "राजस्थान विद्यापीठ कार्यकर्ताओं की संस्था है, हमें इसे मिलकर और ऊंचाइयों तक पहुंचाना है।"
गुर्जर ने विद्यापीठ की उन्नति के लिए प्रतापनगर परिसर में 10,000 वर्ग फुट की नवीन केंद्रीय लाइब्रेरी बनाने की घोषणा की, जिससे शोध और अध्ययन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास होगा।
इस अवसर पर पीठस्थविर डॉ. कौशल नागदा, रजिस्ट्रार डॉ. तरुण श्रीमाली, सचिव भेरूलाल लौहार, डॉ. सुभाष बोहरा, प्रो. सरोज गर्ग, प्रो. जीवन सिंह खरकवाल, प्रो. गजेन्द्र माथुर, प्रो. आई.जे. माथुर, भगवती लाल सोनी, प्रवीण गुर्जर, डॉ. संजीव राजपुरोहित, डॉ. आशीष नंदवाना, नजमुद्दीन, बालकृष्ण शुक्ला, उमराव सिंह राणावत, निजी सचिव के.के. कुमावत, जितेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. सुनीता मुर्डिया, डॉ. रचना राठौड़, डॉ. ओम पारिख, डॉ. विजय दलाल, डॉ. हिम्मत सिंह चुंडावत सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने गुर्जर का सम्मान किया।
भंवरलाल गुर्जर के इस नए पदभार से विद्यापीठ के और अधिक प्रगति करने की संभावना है। उनकी दूरदृष्टि एवं अनुभव के साथ, संस्थान शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा।