मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर एवं राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पाँच दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन कार्यशाला का समापन समारोह विश्वविद्यालय के बप्पा रावल सभागार में संपन्न हुआ।
कार्यशाला समन्वयक डॉ. पी. एस. राजपूत ने बताया कि समापन समारोह के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा, विशिष्ट अतिथि गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. अतुल भट्ट एवं प्रो. मीरा माथुर रहे। इस राष्ट्रीय कार्यशाला में देश के प्रतिष्ठित विद्वानों ने सार्वजनिक पुस्तकालयों के संवर्धन, नई तकनीकों के अनुप्रयोग तथा पुस्तकालयों की कार्यक्षमता निर्माण से जुड़े विषयों पर प्रतिभागियों के साथ अपने विचार साझा किए।
राजस्थान के विभिन्न सार्वजनिक पुस्तकालयों के पुस्तकालयाध्यक्षों ने इस कार्यशाला में भाग लिया, जिसमें सभी प्रतिभागियों को पाँच दिवसीय कार्यशाला के प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा ने कार्यशाला के सफल आयोजन की बधाई देते हुए कहा, "भारत राष्ट्र ज्ञान का अथाह सागर है, जिसे आदि काल से पुस्तकालयों ने संजोए रखा है। पुस्तकालयों के सतत विकास के लिए ऐसे आयोजनों की आवश्यकता है, जिससे हम वैश्विक ज्ञान परंपरा में योगदान दे सकें।"
प्रो. मीरा माथुर ने सभी प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा कि सार्वजनिक पुस्तकालयों के विकास में इस प्रकार के क्षमता निर्माण कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रो. अतुल भट्ट ने अपने व्याख्यान में कहा, "पुस्तकालयों का सतत विकास आवश्यक है और पुस्तकालयाध्यक्षों को आजीवन ज्ञान अर्जन की प्रक्रिया में संलग्न रहना चाहिए। इस कार्यशाला से भारत में सार्वजनिक पुस्तकालयों के विकास को नई गति मिलेगी।"
कार्यशाला के दौरान पुस्तकालय विज्ञान के विशेषज्ञ डॉ. अश्विनी तिवारी द्वारा वेबसाइट क्रिएशन, डॉ. पवन अग्रवाल एवं डॉ. गोविंद बसेड़िया द्वारा कोहा प्रेजेंटेशन एवं कोहा ट्रेनिंग, डॉ. सीमा परमार द्वारा इमर्जिंग ट्रेंड्स इन पब्लिक लाइब्रेरीज़ एंड ओपन एक्सेस इनिशिएटिव्स इत्यादि विषयों पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए गए।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डॉ. राजाराम भाट, जितेंद्र सुहालका, अनुज यादव, जितेंद्र मेघवाल, श्रवण श्रीमाली, रुचि, कावेरी आदि उपस्थित रहे। (mohsina bano)