लोकसभा और राजस्थान विधान सभा के बजट सत्र से शुरू

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Published on : 01 Feb, 25 05:02

एक फरवरी को पेश होगा केन्द्रीय आम बजट राजस्थान का बजट 19 फरवरी को आयेगा

लोकसभा और राजस्थान विधान सभा के बजट सत्र से शुरू

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

लोकसभा और राजस्थान विधान सभा के बजट सत्र से शुक्रवार को शुरू हो गए। संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने  संबोधित किया। मुर्मू ने अभिभाषण में मोदी सरकार की उपलब्धियों और आगामी नीतियों तथा प्राथमिकताओं की रूपरेखा प्रस्तुत की।राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी की टिप्पणियों पर भाजपा हमलावर हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव रैली में अपनी कड़ी टिप्पणी की हैं।

इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद सत्र के पहले दिन मीडिया को भी संबोधित किया। यह 18वीं लोकसभा का पहला बजट सत्र हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी।  सर्वेक्षण  में देश की आर्थिक स्थिति का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया। साथ ही इसमें अगले वर्ष की संभावित आर्थिक रणनीति का संकेत भी दिया गया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी शनिवार को आम बजट पेश करेंगी। यह 18वीं लोकसभा और मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला केंद्रीय बजट होगा।  बतौर वित्त मंत्री सीतारमण का यह लगातार आठवां बजट होगा। यह बजट आर्थिक सुधारों, रोजगार, राजकोषीय नीतियों, सब्सिडी, टैक्स दरों, और विभिन्न सरकारी योजनाओं तथा सरकारी कर्मचारियों को लेकर अहम घोषणाएं कर सकता है। दो फरवरी रविवार को बजट सत्र में कोई कार्यवाही नहीं होगी और संसद अवकाश रहेगा। 3 फरवरी से 6 फरवरी तक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर लोकसभा और राज्यसभा में विस्तृत चर्चा होगी। इस दौरान सरकार की योजनाओं और नीतियों पर सांसदों की राय ली जाएगी और विपक्ष अपनी मांगें रखेगा। 6 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में चर्चा का जवाब दे सकते हैं। इसमें सरकार की प्राथमिकताओं और नीतिगत निर्णयों पर विस्तार से चर्चा होगी। 

इधर राजस्थान विधानसभा में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने विधानसभा सत्र को संबोधित किया। विधानसभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारा सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाने का असर दिखा और छुटपुट विरोध के अलावा काफी अर्से बाद राज्यपाल ने अपना पूरा भाषण पढ़ा।

इसके अलावा गुलाबी रंग में रंगी हर विधायक के सीट पर लेपटॉप से सजी विधानसभा में 200 विधायकों के एक साथ उपस्थित नहीं होने के संयोग और मिथक भी टूट गया तथा काफी अर्से के बाद विधानसभा में सभी दो सौ विधायक एक साथ सदन में बैठे। इस मिथक को तोड़ने और अपशकुन दूर करने के लिए वास्तुशास्त्र का सहारा लिया गया है। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि "हमने वास्तुविदों से सलाह ली है और उनके कुछ सुझावों को लागू किया है।"पिछले दिनों हमें कुछ वास्तुशास्त्रियों के सुझाव मिले थे। हमने उनमें से दो-तीन सुझाव लागू कर दिए हैं, और एक-दो पर और विचार कर रहे हैं। मेरी अपेक्षा है कि अगले 4 साल तक पूरे 200 के 200 विधायक मौजूद रहें।"

 विधायकों की एंट्री का रास्ता बदला गया।सदन के अंदर कुछ छोटे-मोटे वास्तु बदलाव किए गए।दक्षिणी कोने में टेंट लगाया गया, जिसे शुभ संकेत माना जा रहा है। अन्य वास्तु सुधारों पर भी विचार जारी है। राजस्थान विधानसभा में कई बार विधायकों की मृत्यु, इस्तीफे या अन्य कारणों से 200 की संख्या पूरी नहीं हो पाती। इसे "अशुभ संकेत" मानते हुए विधानसभा में वास्तु उपाय किए गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इच्छा जताई कि अगले 4 वर्षों तक सभी 200 विधायक बने रहें।

इसी बीच कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर का निलंबन भी समाप्त कर दिया गया हैं।विधानसभा के सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने मुकेश भाकर के निलंबन को खत्म करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने स्वीकार कर लिया।

विधानसभा अध्यक्ष देवनानी और नेता प्रतिपक्ष के बीच बातचीत के बाद निलंबन को खत्म किया गया, जिससे सदन में शांति बनाए रखने का प्रयास किया गया है। अध्यक्ष देवनानी ने सभी पक्षों को मर्यादा में रहकर कार्यवाही चलाने की अपील की, जिससे भविष्य में हंगामा कम करने की कोशिश की जा रही है। राजस्थान का बजट 19 फरवरी को आयेगा।

उधर भजन लाल सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा एक बैटर गिर से चर्चाओं में हैं। उन्होंने शुक्रवार को 

वर्तमान माहौल पर तंज कसते हुए कहा कि आज का समय मिलावट का है। हां में हां मिलाते रहिए, तभी रिश्ते लंबे चलते हैं। जो हां जी नहीं करेगा, वह मरेगा।उन्होंने आगे कहा कि "मुझे हां जी करने की आदत नहीं है। मैं जो कहता हूं, सच कहता हूं।उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की बातों में नहीं आते, लेकिन भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई होनी चाहिए।ऐसे कई मामले हैं जिनमें युवा आज भी न्याय की आस लगाए बैठा है।

डॉ. किरोड़ी मीणा वर्तमान सरकार के मंत्री हैं, फिर भी उन्होंने अपने अपमान की बात कहकर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी है। 

इस मध्य सभी की नजरे संसद और विधानसभा में प्रस्तुत होने वाले बजट पर है।देखना है केन्द्र और प्रदेश के डबल इंजन वाली सरकार आने वाले बजट में जनता को आकांक्षाओं पर कितनी सफल रहेंगी?                                                                (mohsina bano)


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