उदयपुर – जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि एवं शहीद दिवस पर पुष्पांजलि अर्पित कर संगोष्ठी आयोजित की गई। कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि गांधीजी स्वराज और रामराज्य के प्रबल पक्षधर थे। उनके अनुसार भारत कर्मभूमि है, और उनका सबसे बड़ा स्वप्न रामराज्य की स्थापना था। उन्होंने सत्य और अहिंसा का जो मार्ग दिखाया, वह आज भी प्रासंगिक है और विश्वभर में स्वीकार किया जाता है।
कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर ने गांधीजी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों को शाश्वत बताते हुए कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित कर दिया। उनका सादा जीवन, उच्च विचार और प्रकृति प्रेम उन्हें भारतीयों का बापू बना गया।
इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. तरूण श्रीमाली, परीक्षा नियंत्रक डॉ. पारस जैन, डॉ. चन्द्रेश छतलानी, भगवती लाल श्रीमाली, सहित कई कार्यकर्ताओं ने बापू के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। विद्यापीठ के विभिन्न संघटक संस्थानों में भी श्रद्धांजलि सभाएँ आयोजित की गईं, जहां गांधीजी के प्रिय भजन 'वैष्णव जन तो' और 'रघुपति राघव राजाराम' प्रस्तुत किए गए। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और कार्यकर्ताओं ने गांधीजी के सिद्धांतों पर चलने की शपथ ली।