समाजसेवी जगदीश प्रसाद बंसल का दान अनमोल योगदान

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Published on : 15 Jan, 25 06:01

समाजसेवी जगदीश प्रसाद बंसल का दान अनमोल योगदान

उदयपुर। दान का महत्व संसार में अत्यधिक है, लेकिन देहदान को सबसे बड़ा दान माना जाता है। मृत्यु के बाद शरीर को उन कार्यों के लिए सौंपना, जिससे डॉक्टर्स लाखों जिंदगियों के लिए नई दिशा तय कर सकें, यह एक विशेष और अनमोल कार्य है। ऐसा ही उदाहरण उदयपुर में अग्रवाल समाज के समाजसेवी जगदीश प्रसाद बंसल ने प्रस्तुत किया।

मूल रूप से ब्यावर निवासी 82 वर्षीय जगदीश प्रसाद बंसल पिछले कई वर्षों से उदयपुर के भूपालपुरा में अपने पुत्र सुनील बंसल के साथ रह रहे थे। सोमवार को हृदयाघात के कारण उनका निधन हो गया। दस वर्ष पूर्व उन्होंने देहदान का संकल्प पत्र भरा था और परिवार को इस बारे में सूचित किया था। उनके इच्छानुसार सोमवार को उनके परिवार ने उनकी देह को आरएनटी मेडिकल कॉलेज को प्रशिक्षु चिकित्सकों के अध्ययन के लिए सौंप दिया।

जगदीश प्रसाद बंसल के निधन के बाद उनकी शवयात्रा भूपालपुरा से निकली, जिसमें अग्रवाल समाज के सदस्य और शहर के प्रमुख लोग शामिल हुए। उनके परिवार ने शाम साढ़े चार बजे शरीर रचना विभाग की प्रमुख डॉ. सीमा प्रकाश को देहदान किया। डॉ. सीमा प्रकाश ने मृतक के परिवार को सर्टिफिकेट प्रदान किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

जगदीश प्रसाद बंसल समाजसेवा के प्रति समर्पित थे और भगवान खाटू श्याम में उनकी गहरी आस्था थी। उनके पुत्र सुनील बंसल भी समाजसेवी हैं और खाटू श्याम के भजन कीर्तन के माध्यम से उदयपुरवासियों को अध्यात्म की दिशा में मार्गदर्शन दे रहे हैं।

यह घटना यह संदेश देती है कि देहदान एक महादान है, जिसे लेकर समाज में जागरूकता की आवश्यकता है। हालांकि, आज भी कई लोग इसे अपनाने से कतराते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे शरीर को सद्गति नहीं मिलती। लेकिन शास्त्रों में इसे महादान कहा गया है और कहा गया है कि देहदान से मोक्ष और मुक्ति प्राप्त होती है।


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