महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, छात्र कल्याण निदेशालय द्वारा प्रशासनिक भवन पर आदमकद प्रतिमा समक्ष पुष्पांजलि अर्पित करते हुए स्वामी विवेकानंद जी की जयंती मनाई गई। समारोह के मुख्यअतिथि माननीय कुलपति ने उपस्थित छात्र- छात्राओं को स्वामीजी के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेन की बात कहते हुए छात्रों से आह्वान किया की स्वामीजी ने अपने अल्प जीवन समय में राष्ट्र को जिस मुकाम पर पहुँचाया उसका कोई सानी नहीं है उन्होंने सदभाव, सहिष्णुता, समर्पण, सामर्थ्य, और सामीप्य, मानवीय मूल्यों का आधार है जिनसे व्यक्तित्व का निर्माण किया जा सकता है। युवाओं को स्वामीजी के आदर्शों को आत्मसात करना चाहिए जिससे युवा ऊर्जा राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान देने की ओर अग्रसर हो। कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सह निदेशक डॉ एस के शर्मा ने अपने उदबोधन में कहा कि स्वामी जी के साहित्य को युवाओं को पढ़ने की आवश्यकता है। मेरे जीवन में पाई सफलता में विवेकानंद जी के साहित्य का बहुत बड़ा योगदान हैं। उन्होंने स्वामी जी के लक्ष्य के साथ एकाग्रता की बात करते हुए एक संस्मरण भी सुनाया।
इस सुअवसर पर अनुसन्धान निदेशालय के अंतर्गत चल रही राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत् चल रही रही जैविक आदान उत्पादन एवं जैविक खेती तकनीकियों का विकास परियोजना द्वारा तैयार मोबाइल ऐप यथा शीर्षक Organic Farming- जैविक खेती का विमोचन कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के डॉ शांति कुमार शर्मा सहायक महानिदेशक, (मानव संसाधान प्रबंधन), नई दिल्ली के सानिध्य में किया और कहा कि ये मोबाइल ऐप किसानों के साथ साथ वैज्ञानिक गण, विद्यार्थियों और कृषि विभाग के अधिकारियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। यह मोबाइल ऐप Organic Farming- जैविक खेती किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और सतत कृषि विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है, जो डिजिटल युग में कृषि क्षेत्र को उन्नति की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगा। कुलपति ने ऐप को तैयार करने हेतु प्रणेता डॉ शांति कुमार शर्मा तथा परियोजना प्रभारी डॉ रविकान्त शर्मा और सह प्रभारी डॉ अमित त्रिवेदी, डॉ एस एस लखावत, डॉ हरि सिंह, डॉ देवेंद्र जैन, डॉ श्रवण और डॉ रवींद्र कुमार जैन के अथक प्रयासो के भूरी भूरी प्रसंशा की।
डॉ शांति कुमार शर्मा ने ऐप के बारे में बताते हुयें कहा कि इस ऐप में विश्वविद्यालय में विगत 6 वर्षों से संचालित परियोजना में विकसित विभिन्न जैविक आदानो, उन्नत तकनीकियों और प्रभावी मॉड्यूल्स को सम्मिलित किया गया है जिससे घर बैठे किसानों को समस्त बहू उपयोगी जैविक खेती संबंधित जानकारियाँ उनके मोबाइल पर उपलब्ध हो जाएगी जिससे भारतवर्ष में जैविक खेती के विस्तार को प्रभावी गति मिल पाएगी ।
अनुसंधान निदेशक डॉ. अरविंद वर्मा ने कहा, यह ऐप किसानों को जैविक खेती में उपयोग होने वाले सभी जैविक आदानों जैसे जैव उर्वरक, जैव कीटनाशक और जैव उत्पादों के निर्माण की विधियों का सचित्र विवरण प्रदान करता है। इससे किसान स्वयं यह उत्पाद तैयार कर सकते हैं और अपनी खेती की लागत को कम कर सकते हैं। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के संघटक महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ अनुपम भटनागर, डॉ लोकेश गुप्ता, निदेशक प्रसार डॉ आर एल सोनी, विशेषाधिकारी डॉ वीरेंद्र नेपालिया एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत में छात्र कल्याण अधिकारी डॉ मनोज महला ने अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ भेंट कर किया और स्वामी विवेकानंद जी के व्यक्तित्व की महत्वपूर्ण बातों को साझा किया।