भूपाल नोबल्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय के विज्ञान संकाय के भूविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित भव्य प्रदर्शनी में छात्रों, शिक्षकों एवं भूविज्ञान प्रेमियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। अरावली पर्वत श्रृंखला की प्राचीन चट्टानों, खनिजों, जीवाश्म और भूवैज्ञानिक मॉडलों का प्रदर्शन किया गया। राजस्थान की भूवैज्ञानिक संपदा पर विशेष खंड में चूना पत्थर, क्वार्ट्ज, बलुआ पत्थर और कास्र्ट भू आकृतियों की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि नेशनल मिनरल अवार्डी डॉ एन.के. कावड़िया, विशिष्ट अतिथि डॉ पी.के. वर्डिया, डॉ विनोद अग्रवाल, डॉ रितेश पुरोहित, एस.एन. डोडिया, जयंत शर्मा और अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में हुआ।
प्रदर्शनी में जीवाश्मों की पहचान और भूवैज्ञानिक संरचनाओं के निर्माण प्रक्रिया का लाइव प्रदर्शन मुख्य आकर्षण रहा। साथ ही पोस्टर प्रदर्शनी में सतत खनन प्रभाव और पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान में भूविज्ञान की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
बीएन पब्लिक स्कूल, आलोक सीनियर सेकेंडरी, द स्टडी, अभिनव इंग्लिश मीडियम, एमडीएस, डीपीएस, एसेंट जैसे विद्यालयों के विद्यार्थियों ने जोश और उत्साह के साथ भाग लिया।
कार्यक्रम का समापन पुरस्कार वितरण के साथ हुआ। प्रथम पुरस्कार लक्षिता चौहान (बीएनयू), द्वितीय नंदनी पुरोहित (अभिनव सीनियर सेकेंडरी) और रिद्धि राज राठौड़ (बीएनयू) ने प्राप्त किया। तृतीय स्थान धनंजय सिंह चौहान, तन्मय शर्मा (बीएनयू) और योगेंद्र, गर्वित, अभिषेक (सिंघानिया यूनिवर्सिटी) को मिला।
इस आयोजन में प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह राठौड़ ने कहा कि ऐसी प्रदर्शनी छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और जिज्ञासा विकसित करने में सहायक है। जानकारी भूविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ हेमंत सेन और डॉ चंद्ररेखा शर्मा द्वारा प्रदान की गई।