राजस्थानी बाल साहित्य अर दीठ: समीक्षा

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Published on : 11 Jan, 25 05:01

राजस्थानी बाल साहित्य अर दीठ: समीक्षा

समीक्षक: विजय जोशी

सूर्य प्रकाशन मंदिर, बीकानेर द्वारा वर्ष 2025 में प्रकाशित पुस्तक "राजस्थानी बाल साहित्य अर दीठ" में समालोचक जितेन्द्र निर्मोही ने चार अध्यायों के माध्यम से राजस्थानी बाल साहित्य का गहन विश्लेषण किया है। पुस्तक के अध्याय क्रमशः "राजस्थानी बाल साहित्य एक परिचय", "केन्द्रीय अकादमी सूं पुरस्कृत पोथ्यां", "आज रो बाल साहित्य अर दीठ" और "यै पोथ्यां अर नवाचार" शीर्षकों में विभाजित हैं।

अध्याय 1: राजस्थानी बाल साहित्य एक परिचय
इस अध्याय में लेखक ने बाल साहित्य के इतिहास और प्रमुख रचनाकारों का संक्षिप्त उल्लेख किया है। साथ ही, केंद्रीय अकादमी नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2010 से 2022 तक पुरस्कृत पुस्तकों की सूची प्रस्तुत की गई है। लेखक ने 2016 और 2019 में पुरस्कार घोषित नहीं होने का भी जिक्र किया है। इसके अलावा, 1990-91 से 2011-12 तक राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर द्वारा पुरस्कृत बाल साहित्यकारों को सूचीबद्ध किया गया है।

अध्याय 2: केन्द्रीय अकादमी सूं पुरस्कृत पोथ्यां
इस अध्याय में 2010 से 2022 तक केंद्रीय अकादमी द्वारा पुरस्कृत रचनाओं और उनके लेखकों पर समीक्षा की गई है। इनमें विश्वामित्र दाधीच की माछळ्यां रा आंसू (2022), कीर्ति शर्मा की पाणी रा रुखुळा (2021), डॉ. मंगत बादल की कुदरत रो न्याव (2020), सी. एल. सांखला की चड़ा चड़ी की खेती (2018), पवन पहाड़िया की नम्बर वन आऊँळा (2017), डॉ. कृष्ण आशु की धरती रो मोल (2015), डॉ. नीरज दइया की जादू रो पेन (2014) और अन्य उल्लेखनीय कृतियां शामिल हैं।

अध्याय 3: आज रो बाल साहित्य अर दीठ
इस अध्याय में लेखक ने समकालीन बाल साहित्यकारों और उनके विचारों का उल्लेख किया है। करणी दान बारहठ, नाहर सिंह जसोल, दीनदयाल शर्मा, बुलाकी शर्मा, मनोहर सिंह राठौड़, सत्यदेव संवितेंद्र, जेबा रशीद, ओम प्रकाश तंवर, सावित्री चौधरी, अब्दुल समद राही, रामजी लाल घोड़ेला सहित कई अन्य साहित्यकारों की रचनाओं और योगदान पर प्रकाश डाला गया है।

अध्याय 4: यै पोथ्यां अर नवाचार
अंतिम अध्याय में लेखक ने बाल साहित्य में हो रहे नवाचारों पर सार्थक चर्चा की है। बाल साहित्य के विकास के लिए किए जा रहे प्रयास और प्रयोगों का उल्लेख करते हुए नई संभावनाओं की ओर इशारा किया गया है।

यह पुस्तक बाल साहित्य के क्षेत्र में रुचि रखने वालों के लिए अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक है।


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