छह महीने में अंतर्राष्टीय एयरपोर्ट की सुविधा मिलते ही ग्रामीण क्षेत्र में सीधे कनेक्टिविटी हो जाएगी : कटारिया

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Published on : 24 Dec, 24 14:12

छह महीने में अंतर्राष्टीय एयरपोर्ट की सुविधा मिलते ही ग्रामीण क्षेत्र में सीधे कनेक्टिविटी हो जाएगी : कटारिया

उदयपुर। पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि उदयपुर ग्रामीण क्षेत्र में खुले वेलनेस सेंटर पर देश ही नहीं दुनिया के लोग आ रहे हैं यह उदयपुर के लिए बड़ी बात है। कटारिया मंगलवार को उदयपुर जिले के बाठरड़ा कला में राजस्थान के पहले नेचर थैरेपी ‘राजबाग हॉलिस्टिक वेलनेस सेंटर’ को बैंगलोर से प्रकाशित अंतर्राष्ट्रीय स्तर की वेलनेस मैग्जीन में जगह मिलने पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
कटारिया ने कहा कि आने वाले छह महीने में अंतर्राष्टीय एयरपोर्ट की सुविधा भी मिल जाएगी तो इस ग्रामीण क्षेत्र में सीधे कनेक्टिविटी भी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि विदेश से कोई यहां आकर 15 दिन रुकता है तो निश्वित रूप से इस क्षेत्र का विकास होगा। इसे जिस कल्पना से बनाया वह कल्पना आज साकार होती दिखी है। दुनिया में इस सेंटर से उदयपुर का नाम देश ही नहीं दुनिया तक पहंचेगा। कटारिया ने कहा कि संतश्री अवधेशानंदजी महाराज जहां-जहां तपस्या करते है वह जगह पवित्र हो जाती है।
समारोह में वेलनेस मैग्जीन तथा राजबाग हॉलिस्टिक वेलनेस सेंटर के ब्रांड की लॉन्चिंग सूरजकुंड के संतश्री अवधेशानंदजी महाराज और पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने किया। चेयरमैन राजेन्द्र नलवाया ने स्वागत किया। इस अवसर पर वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी, श्यामसुंदर नलवाया, वीरेन्द्र नलवाया, अतुल चंडालिया, हिम्मतसिंह चौहान, जितेन्द्रसिंह राठौड़, अनंतसिंह राठौड़, राकेश सुहालका, रूपेश मेहता, विनोद दलाल, भूपेन्द्र बाबेल, राघवेन्द्रसिंह राठौड़, विनयदीपसिंह कुशवाह सहित बाठेड़ाकलां के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
इस अवसर पर अतिथियों ने कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि इतने कम समय में वेलनेस सेंटर ने अपनी विश्व स्तरीय पहचान बना ली है। यहां की सभी सुविधाएं विश्वस्तरीय हैं। इंडिया के बेस्ट डाक्टरों की सेवाएं यहां पर उपलब्ध हैं। यह बेंगलूरू के सेंटर की तरह ही डेवलप हो रहा है व राजस्थान में अपनेआप में सबसे अनूठा है। ट्राइबल एरिया में इस तरह के सेंटर पर देश विदेश से लोगों के आने का सिलसिला इसकी गुणवत्ता और महत्ता को दर्शा रहा है।
चेयरमैन राजेन्द्र नलवाया व वाइस चेयरमैन योगेश कुमार ने बताया कि डॉ. श्याम नदुगले व उनकी टीम की देखरेख में राजबाग होलिस्टिक वेलनेस सेंटर पर नॉन क्यूरेटिव व क्यूरेटिव बीमारियों का उपचार किया जा रहा है। यह वेलनेस सेंटर राजस्थान में अपनी तरह का पहला व अनूठा सेंटर है। इसका संचालन ट्रांस होटल एंड सिसोट्र्स के माध्यम से हो रहा है। व्यक्ति प्राकृतिक जीवनशैली अपनाते हुए प्राकृतिक औषधियों व विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद से किसी भी प्रकार की बीमारी में अधिकतम अच्छे परिणाम हासिल कर सकता है। नेचुरापेथी, योगा, आयुर्वेद, फिजियोथेरेपी, ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन जैसे एक्यूपंचर, एक्यूप्रेशर, कपलिंग थैरेपी, म्यूजिक थेरेपी आदि के माध्यम से यहां उपचार किया जा रहा है। लोग केवल इस थेरेपी को एक्सपीरियंस करना चाहते हैं। वे तीन दिन के लिए तथा जो किसी भी प्रकार की थेरेपी लेना चाहते हैं वे 10 से 15 दिन जैसा भी चिकित्सक सलाह हो, उसके अनुसार यहां रह कर उपचार पाते हैं।
यहां 33 बीघा में 20 कॉटेज की फेसिलिटी है, 40 गेस्ट रह सकते हैं। भविष्य में 60 कॉटेज तक की फेसिलिटी विकसित की जाएगी। राजस्थान के पहले नेचर थैरेपी राजबाग हॉलिस्टिक वेलनेस सेंटर में सबसे पहले यहां आने वालों की बीएमआई मशीन से 40 पेज की रिपोर्ट निकाली जाती है ताकि पता चल सके कि किस तरह की थैरेपी देनी है, कौनसा फूड देना है। यहां के रेस्टोरेंट में हर व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत मैन्यू तय है जो उनकी जरूरतों व बॉडी की रिक्वायरमेंट के अनुसार है। योगा, मेडिटेशन सेंटर, पिरामिड मेडिटेशन, लेवरेंथ गार्डन आदि सब कुछ उपलब्ध हैं। यहां आने वाला किसी भी प्रकार का नशा नहीं कर सकता, मोबाइल की परमिशन भी सीमित व बहुत जरूरी होने पर ही है। बीमार लाइफ स्टाइल के कारण होते हैं। यहां पर लाइफ स्टाइल में बदलाव के साथ ही अन्य सहायक थैरेपी की मदद से हीलिंग किया जाता है जो बहुत ही कारगर साबित हो रहा है। कॉस्मिक एनर्जी, जियो एनर्जी हीलिंग भी होती है।
इस अवसर पर बताया गया कि लक्जरी वेलनेस पत्रिका में प्रकाशन बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इसका विस्तार दुनियाभर के प्रतिष्ठित देशों में है। इस मैग्जीन के माध्यम से ना सिर्फ हमारी ख्याति बढ़ेगी बल्कि उपचार की सेवाओं के दायरों का भी विस्तार होगा व विदेशी मुल्कों में अच्छे वेलनेस सेंटर की गई लोगों की खोज भी यहां आकर पूर्ण होगी। डाक्टर्स ने यहां पर आ रहे लोगों के उपचार तथा उनमें आए परिवर्तनों पर भी चर्चा की।


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