किसी को हाथों हाथ मिली आवास की स्वीकृति की तो किसी की रूकी पेंशन फिर शुरू

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Published on : 22 Dec, 24 10:12

भीण्डर, कोटड़ा व बड़गांव में हुए प्रशासन गांवों की ओर शिविर

किसी को हाथों हाथ मिली आवास की स्वीकृति की तो किसी की रूकी पेंशन फिर शुरू

उदयपुर। सुशासन सप्ताह - प्रशासन गांवों की ओर अभियान के तहत शनिवार को जिले के बड़गांव, कोटड़ा और भीण्डर पंचायत समिति मुख्यालयों पर शिविर आयोजित हुए। इसमें आमजन की परिवेदनाओं का हाथों हाथ निस्तारण किया गया।
कोटड़ा में आयोजित शिविर का जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी ने अवलोकन किया। डिंगावरी कलां निवासी लखमी देवी ने गलती से जनआधार कार्ड से नाम हटने से सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित होने की परिवेदना प्रस्तुत की। यहां उपखंड अधिकारी हंसमुख कुमार ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर महिला को त्वरित राहत प्रदान की। शिविर में मेडी निवासी पांच बच्चों के पिता ईश्वर की मृत्यु हो जाने एवं माता के गुजरात में नाता जाने पर जनआधार के माध्यम से प्राप्त होने वाले पालनहार के पैसे माता के खाते में जमा हो रहे थे, जिससे निराश्रित बच्चों को पालनहार का लाभ मिलने एवं जिससे नरेश व परिता सहित पांच बच्चों के भरण पोषण में काफी समस्या आ रही थी। शिविर में उक्त समस्या बाबत् प्रार्थना पत्र प्रस्तुत होने पर त्वरित कार्यवाही कर राहत दी गई।
भीण्डर में उपखंड अधिकारी रमेशचंद्र बहेडिया की अध्यक्षता में शिविर हुआ। यहां देउ बाई पति कमला डांगी निवासी कडेचा की बंद हुई वृद्धावस्था पेंशन को हाथों हाथ वापस शुरू कराकर राहत प्रदान की गई। वहीं श्रीमती बाल कुँवर पति श्री खुमाण सिंह निवासी गोपालपुरा को परित्यक्ता प्रमाण जारी किया गया। हीरा लाल पिता नाथू लाल लौहार निवासी पीथलपुरा को हाथों हाथ प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनान्तर्गत आवास स्वीकृति प्राप्त करने के राहत दी गई। लाभार्थियों ने सरकार और प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
बड़गांव में श्रीमती केसर बाई पत्नी जगदीश सिंह जी निवासी बेदला की विधवा पेंशन संबंधी आवेदन तथा श्रीमती मुन्ना पिता/पत्नी श्री भंवर लाल लोढा निवासी बेदला को वृद्धावस्था पेंशन आवेदन का त्वरित निस्तारण कर स्वीकृति आदेश प्रदान किए गए। प्रधान प्रतिभा नागदा, जिला परिषद सदस्य पुष्पा शर्मा, सहित अधिकारी कर्मचारी, जनप्रतिनिधि व आमजन उपस्थित रहे। शिविर में कृषि विभाग द्वारा टीएसपी पंचायतों के जनजाति वर्ग के 11 षकों को सब्जी मिनीकिट एवं जैविक खाद के किट निःशुल्क वितरित किये गये। 50 प्रतिशत अनुदान पर पौध संरक्षण यंत्र आवेदन पत्र प्राप्त कर जनजाति कृषक को उपलब्ध करवाये गये एवं एक पौध सरंक्षण उपकरण (स्प्रेयर) वितरित किया गया।


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