उदयपुर, 21 दिसंबर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में परमाण्विक आणविक प्रकाशिकी में प्रयुक्त उन्नत तकनीकी पर भारत- कोरिया के मध्य पारस्परिक विचार विमर्श भौतिक शास्त्र विभाग में आयोजित हुआ, जिसमें कोरिया के उन्नत तकनीकी एवं शिक्षण संस्थानों के विश्वविख्यात दस वैज्ञानिकों ने कोरिया में संचालित विभिन्न नवीनतम शोध की अत्याधुनिक तकनीको के बारे में विस्तार से गताया। गुआन्गजु विज्ञान एवं तकनीकी संस्थान के निदेशक प्रो.के.टी.किम ने एटोसेकंड पल्स लेजर के तकनीकी पहलू पर व्याख्यान देते हुए परमाणु की अति तीव्र गतिकी के अध्ययन की आधुनिक तकनीकी का उपयोग बताया।
कोरिया परमाणु ऊर्जा अनुसंधान संस्थान के प्रोफेसर जियांग ने इस संस्थान में उपलब्ध विश्वस्तरीय शोध की प्रायोगिक तकनीको में भारतीय वैज्ञानिकों की सहभागिता बढ़ाने पर प्रकाश डाला तथा प्रोफेसर फाबियन, कायस्ट कोरिया ने प्रकाशिकी और फोटोनिक्स शोध की विभिन्न प्रकार की नवीनतम प्रौद्योगिकी के बारे में विस्तार से बताया
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुनिता मिश्रा ने आमंत्रित कोरियाई वैज्ञानिकों का स्वागत कर उम्मीद जताई कि इस संगोष्ठी से भविष्य में विश्वविद्यालय की शोध परियोजनाओं में लाभ मिलेगा एवं आने वाले समय में भारत- कोरिया के बीच संयुक्त शोध कार्य को गति मिलेगी। प्रो. के.बी. जोशी, प्रो.सुधीश कुमार, प्रो.एम.एस. ढाका, डॉ घनश्याम पुरोहित, डॉ गुंजन अरोडा, डॉ दिनेश पाटीदार एवं डॉ लेखराज मीणा ने कोरियाई दल को विभाग में विभिन्न शोध प्रयोगशालाओं का निरीक्षण करवाते हुए विभिन्न शोध कार्यों के बारे में जानकारी दी। विभाग के समस्त प्राध्यापक, शोधार्थी एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों का सभी कोरियाई वैज्ञानिकों के साथ में सीधे संवाद सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने सक्रियता से भाग लिया।