उदयपुर। “हमारा उद्देश्य परम्परागत हस्तकला को बढावा देने के साथ-साथ जरुरतमंद लोगों को रोजगार मुहैया करवाना है। इंडिगो डाई को उपयोग में लेते हुए “डाबू“ प्रिन्टिग हस्तकला को संरक्षण प्रदान करने एवं इससे डिजाईनिंग किये परिधानों का विपणन कर महिलाओं को आर्थिक दृष्टि से स्वावलम्बी बनाने के लक्ष्य को काफी हद तक पूरा किया है।“
उपरोक्त जानकारी श्रीमति अलका शर्मा ने दी।
मानद महासचिव डाॅ. पवन तलेसरा ने बताया कि “आओ फैक्ट्री देखें“ श्रृंखला के अन्तर्गत उदयपुर चेम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के सदस्यों ने “कोसवी आवरण प्रोड्यूसर कम्पनी“ की टैक्सटाईल डिजाईनिंग एवं प्रिन्टिग की विभिन्न प्रक्रियाओं का अवलोकन किया।
यूसीसीआई की मेम्बरशिप एंगेजमेन्ट सब कमेटी की चेयरपर्सन श्रीमति हसीना चक्कीवाला ने “कोसवी आवरण कम्पनी“ की इण्डस्ट्रीयल विजिट के आरम्भ में श्रीमति अलका शर्मा का परिचय देते हुए बताया कि “नौकरीपेशा परिवार की पृष्ठभूमि वाली महिला होते हुए संघर्ष करके उद्यमी बनने की जीवन्त कहानी है कोसवी आवरण प्रोड्यूसर कम्पनी। ग्रामीण महिलाओं को ट्रेनिंग प्रदान कर कार्य-कुशल बनाना तथा उन्हें आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाने के लिये श्रीमति अलका शर्मा को यूसीसीआई एक्सीलेन्स अवार्ड प्राप्त हो चुका है।
कम्पनी की निर्देशक श्रीमति अलका शर्मा ने सदस्यों को जानकारी देते हुए बताया कि मेवाड के आकोला क्षेत्र की परम्परागत कपडा रंगाई व छपाई की प्राचीन गाबू प्रिन्टिग की कला में लगभग 300 महिलाओं को आजीविका मुहैया की जा रही है।
डिजाईनर हेड सुश्री चारु ने स्लाईड शो के द्वारा कम्पनी की विभिन्न प्रक्रियाओं को विस्तार से समझाया।
अध्यक्ष श्री एम.एल. लूणावत ने श्रीमति अलका शर्मा की प्रशंसा करते हुए मेवाड की इस परम्परागत हस्तकला का प्रचार-प्रसार करने पर बल दिया।
औद्योगिक भगमण में कोषाध्यक्ष श्री प्रकाशचन्द्र बोलिया, श्री केजार अली, डाॅ. विवेक वशिष्ठ, श्री सोमिल माहेश्वरी, डाॅ. अंशु कोठारी, श्री ओमप्रकाश अग्रवाल, श्री तनय कोठारी, श्री सुयश जैन आदि सहित लगभग 40 से अधिक सदस्यों ने हिस्सा लिया।