सतुणो  -  अरे रमेशीए रे घरे छोरी हुई है  , काकी तू आ बात सुणी     

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Published on : 19 Dec, 24 13:12

डॉ प्रेरणाश्री गौड़ लेखिका जोधपुर राजस्थान

सतुणो  -  अरे रमेशीए रे घरे छोरी हुई है  , काकी तू आ बात सुणी     

 

 


 

 

 

 

 

 

 

सतुणो  -  अरे रमेशीए रे घरे छोरी हुई है  , काकी तू आ बात सुणी             

काकी - हां रे छोरा सतुणा मैं आप बात सुणी  लाडडू ही खादा ।

सतुणो  - काकी तू हाची केवे मने तो लाडू को मिलिया ।

काकी -  रमेशीए री मां आई  लाडू देवण खातिर ,
और केवती  मारे घर लाडो रो जन्म होयो है  मिठो मुंडो करो ।

सतुणो - काकी रमेशीए री मां तो लाडू बेचन कई केणी चावे माणे छोरीया खारी लागे बिने मिट्ठी लागे।

सतुणा  - पेली जेड़ो टैम कोनी रियो रे पेली छोरिया रे जन्म माथे हांडी में मुंडो का घाल रोवता हमें तो लाडू बेचता फिरे और केवे लाडो रो जन्म होयो है लाडो रो जन्म होयो है 

 


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