उदयपुर, 16 दिसंबर 2024: एमपीयुएटी के संघटक मात्स्यिकी महाविद्यालय के विद्यार्थी दल और कॉलेज ऑफ फिशरीज उदयपुर एलुमनाई एसोसिएशन ने सोमवार को राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री कार्यालय में मुलाकात की और महाविद्यालय में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों की रिक्तियों को भरने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
महाविद्यालय की स्थापना को 15 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा निर्धारित न्यूनतम संकाय मानदंडों के अनुसार आवश्यक टिचिंग और नॉन-टिचिंग पदों की कमी बनी हुई है। वर्तमान में महाविद्यालय में केवल दो पूर्णकालिक प्राध्यापक हैं, क्योंकि रिटायर होने वाले प्राध्यापकों की संख्या अधिक है, और बाकी अध्यापन कार्य अतिथि शिक्षकों द्वारा किया जा रहा है।
छात्रों का कहना है कि इस मुद्दे पर वे पहले भी राज्य सरकार के अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने इस बार अपनी मांगों को गंभीरता से लेने की अपील की है और पदों की नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की मांग की है।
कमी को देखते हुए महाविद्यालय में पीजी और पीएचडी कोर्सेज को निलंबित कर दिया गया है, जिसके कारण राज्य के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए अन्य राज्यों में जाना पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप जलवायु आधारित मछली बीज चयन, उपयुक्त मत्स्य प्रजातियों, उनके आवासों, एकीकृत मछली पालन जैसी तकनीकों पर आधारित शोध कार्य भी ठप हो गए हैं।
छात्रों ने सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इस अवधि में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन और जन-जागरूकता अभियान शुरू करेंगे।
ज्ञापन देने के दौरान एलुमनी एसोसिएशन के अजय मीणा, मुकेश घासल और बीएफएससी चतुर्थ वर्ष के अन्य विद्यार्थी मौजूद थे।
भवदीय,
अनिल सिंह शेखावत
चतुर्थ वर्ष, मात्स्यिकी महाविद्यालय, उदयपुर