कोटा । राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय कोटा स्थित डा एस.आर.रंगनाथन सभागार में 'सृजक-संवाद' कार्यक्रम की श्रंखला मे “कोटा साहित्यिक महोत्सव प्रतिवेदन पुस्तक” का लोकार्पण मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय कवि ,अनुवादक , गीतकार एवं केंद्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली से पुरुस्कृत में डा कैलाश मण्डेला , अध्यक्षता कर रहे ख्यातनाम साहित्यकार जितेंद्र निर्मोही , विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ गीतकार बाबु बंजारा , विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ गीतकार मुरलीधर गौड़ , मंच संचालन कर रहे साहित्यकार विजय शर्मा , आमंत्रित अतिथि सेवानिवृत उपमुख्य अभियंता तापीय परियोजना बिगुल जैन , शिक्षाविद प्रकाश चन्द्र दीक्षित , सांस्कृतिक प्रतिनिधि चंद्रशेखर सिंह सीसोदिया के करकमलों से सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय कवि-आलोचक, आधुनिक राजस्थानी भाषा अनुवादक , गीतकार एवं केंद्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली से पुरुस्कृत में डा कैलाश मण्डेला ने अपने साहित्यिक उदबोधन एवं कविता पाठ से सबको मंत्रमुग्ध कर गौरवान्वित किया।
प्रतिष्ठित रचनाकार डा मण्डेला ने कोटा के साहित्यकारों की भव्य उपस्थिति में कहा कि- वर्तमान में पुस्तकों को पढ़ने के प्रति युवाओं का रुझान कम हो रहा है। पुस्तकें यदि युवाओं की मित्र बन जाए तो वर्तमान पीढ़ी की दशा और दिशा में क्रांतिकारी परिवर्तन आ सकते हैं। व्यवस्थित और समृद्ध पुस्तकालयों की उपलब्धता एवं विकास नये दौर की सख्त जरूरत है। राजस्थानी भाषा हमारी मातृभाषा है हमें स्थानीय परिवेश, संस्कृति और सामाजिक सरोकारों को समझने में स्थानीय भाषाओं का समृद्ध विकास मददगार होता है।
इस अवसर पर जितेंद्र निर्मोही जी ने उस पाँच दिवसीय कोटा साहित्यिक महोत्सव को याद करते हुये कहा कि – पाँच दिवस मे 84 सत्रो का महोत्सव देश के किसी भी आयोजन मे नही देखा गया | निश्चित देखा जाये तो यह आयोजन राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय श्रीमान भजनलाल शर्मा जी के 100 दिवसीय कार्ययोजना के खाते मे जाता हे | इस 5 दिवसीय पुस्तक मेले एव लिटरेचर फेस्टीवल्स मे 150 से ज्यादा कोटा संभाग के साहित्यकार , गीतकार , कवि , आलोचक , निबंधकार , कहानीकार , नाटयाकार, पत्रकारो सहित विषय विशेषज्ञो ने अपनी भागीदारी दी |
इस अवसर पर ख्यातनाम कवि-आलोचक डा कैलाश मण्डेला का राजस्थानी परम्परानुसार भव्य अभिनंदन संभागीय पुस्तकालयाध्यक्ष डा दीपक कुमार श्रीवास्तव ,ख्यातनाम साहित्यकार जितेंद्र निर्मोही, बाबू बंजारा , मुरलीधर गौड़ , डा शशि जैन सहित अन्य वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा शाल , श्रीफल एवम मेडल प्रदान कर किया गया । इस अवसर पर बाबू बंजारा , मुरलीधर गौड़ , डा शशि जैन ने अपनी काव्य प्रस्तुति दी |
संभागीय पुस्तकालयाध्यक्ष डा दीपक कुमार श्रीवास्तव ने अपने उदघाटन भाषण मे कहा कि – कोटा लिटरेचर फेस्टीवल की कामयाबी का श्रेय कोटा सम्भाग के साहित्यकार , गीतकार , कवि , आलोचक , निबंधकार , कहानीकार , नाटयाकार, पत्रकारो सहित विषय विशेषज्ञो को जाता हे जिन्होने अपनी प्रतिभाओ से कोटा के साहित्य प्रेमियों को अपनी सृजनधर्मिता से रूबरू कराया |
कार्यक्रम संयोजिका डा शशि जैन ने कहा कि- आज जिस कोटा साहित्यिक महोत्सव प्रतिवेदन पुस्तक का लोकार्पण होने जा रहा हे वह आने वाले समय मे युवाओ को साहित्यिक अभिरुची जाग्रत करने मे सहायक होगा |
इस अवसर पर पुस्तकालय अवलोकन उपरांत डा मण्डेला ने कहा कि - जिंदगी मे कभी –कभी अनायास ऐसा संयोग होता हे जब आप एतिहासिक और स्मरणीय क्षणो से साक्षात होते है | जिस संकल्पना और मेघा के साथ इस पुस्तकालय का विकास किया जा रहा है | मे मानता हु कि आने वाले समय मे यह पुस्तकालय और इसकी गतिविधिया पूरे भारतवर्ष के शेक्षिक जगत को आलोकित करेगी |