उदयपुर: मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (सुविवि) की प्रबंध मंडल की बैठक मंगलवार को कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में शिक्षकों की भर्ती, पदोन्नति, प्रशासनिक सुधार और आधारभूत संरचना से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। हालांकि, छात्रों से जुड़े मुद्दों को एजेंडे में शामिल न करने से उनकी समस्याओं पर कोई चर्चा नहीं हो सकी।
लंबित करियर एडवांसमेंट प्रक्रिया फिर टली
शिक्षकों की लंबे समय से लंबित करियर एडवांसमेंट स्कीम (सीएएस) पर चर्चा हुई, लेकिन पदोन्नति से संबंधित लिफाफे फिर से नहीं खोले जा सके। वित्त नियंत्रक सीमा यादव ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार, करियर एडवांसमेंट से जुड़े सभी दस्तावेजों की पूरी तरह जांच होने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।
वित्त नियंत्रक को एक माह के भीतर दस्तावेज़ों की जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद प्रबंध मंडल की अगली बैठक में इन लिफाफों को खोला जाएगा। यह निर्णय शिक्षकों के बीच निराशा का कारण बन रहा है, जो इस प्रक्रिया के शीघ्र पूरा होने की उम्मीद कर रहे थे।
88 नए शैक्षणिक पदों की भर्ती को मंजूरी
बैठक में रोस्टर प्रणाली के तहत 88 नए शैक्षणिक पदों की भर्ती प्रक्रिया को मंजूरी दी गई। इस प्रक्रिया की शुरुआत सरकार से वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद की जाएगी। यह निर्णय शिक्षकों की कमी को दूर करने और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।
सेल्फ फाइनेंस बोर्ड कर्मचारियों के लिए आरटीपीपी एक्ट लागू
सेल्फ फाइनेंस बोर्ड के तहत कार्यरत कर्मचारियों की नियुक्ति और वेतनमान अब आरटीपीपी एक्ट के तहत किए जाएंगे। यह प्रक्रिया जनवरी से लागू होगी, जिससे कर्मचारियों की सेवा शर्तों और वेतनमान में एकरूपता आएगी।
नए प्रशासनिक भवन को स्वीकृति
कुलपति सचिवालय के लिए आधुनिक भवन बनेगा
बैठक में कुलपति सचिवालय, रजिस्ट्रार कार्यालय और वित्त नियंत्रक कार्यालय के लिए एक नए प्रशासनिक भवन के निर्माण को स्वीकृति दी गई।
परीक्षा भवन में बहुउद्देश्यीय हॉल का निर्माण
परीक्षा की गोपनीय शाखा के लिए तीन मंजिला बहुउद्देश्यीय परीक्षा हॉल बनाने का भी निर्णय लिया गया, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र एक साथ परीक्षा दे सकेंगे। यह भवन एनबीसीसी के नेतृत्व में बनाया जाएगा।
नए विभाग और कॉलेज भवनों की स्थापना को मंजूरी
फूड एंड न्यूट्रिशन विभाग की स्थापना की स्वीकृति दी गई। साथ ही, लॉ कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए नए भवनों के निर्माण को भी मंजूरी प्रदान की गई। इन नए विभागों और भवनों से विश्वविद्यालय की शैक्षिक क्षमताओं में विस्तार होगा।
हरकेश मीणा परीक्षा प्रकरण में निर्णय
हरकेश मीणा परीक्षा मामले में यह निर्णय लिया गया कि ऑडिट जांच पूरी होने तक उनके पीपीएफ और पेंशन लाभ को रोका नहीं जाएगा। यह फैसला निष्पक्षता बनाए रखने के लिए लिया गया।
छात्रों के मुद्दे रहे अनदेखे
हालांकि, बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक और शैक्षणिक निर्णय लिए गए, लेकिन छात्रों से संबंधित समस्याओं पर कोई चर्चा नहीं हुई। छात्रावासों में सुधार, शैक्षणिक संसाधन, और सह-पाठ्यक्रम सुविधाओं जैसे मुद्दे एजेंडे में शामिल नहीं किए गए। इस अनदेखी से छात्रों में असंतोष देखने को मिला है।
विशिष्ट प्रतिभागी और उनके योगदान
बैठक में विधायक उदय लाल डांगी और प्रताप गमेती के साथ प्रो. अशोक शर्मा, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त सीआर देवासी, रजिस्ट्रार डॉ. बीसी गर्ग, प्रो. बीएल वर्मा, प्रो. हेमंत द्विवेदी, प्रो. प्रतिभा, प्रो. एमके जैन, प्रो. सतीश शर्मा और डॉ. जूही प्रधान सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे। उनके विचारों और सुझावों से बैठक में लिए गए निर्णयों को दिशा मिली।