माइको-मेक्रो से आगे अब ग्लोबल इकोनॉमिक्स की जरूरत: मुनि श्री सम्बोध कुमार “मेघांश“

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Published on : 01 Dec, 24 13:12

“भगवान महावीर का सापेक्ष अर्थशास्त्र“ विषय पर यूसीसीआई में वार्ता का आयोजन

माइको-मेक्रो से आगे अब ग्लोबल इकोनॉमिक्स की जरूरत: मुनि श्री सम्बोध कुमार “मेघांश“

उदयपुर,“इस दौर में कैपिटलिज्म और कम्युनिज्म ने मैटेरियलिस्म को जन्म दिया है। इस विचारधारा ने “इच्छाएं बढाओ, आवश्यकताएं बढाओ और उत्पादन बढाओ“ की अवधारणा को प्रोत्साहित किया है। भगवान महावीर ने कई सदियों पहले कहा था कि इच्छाएं आकाश की तरह अनन्त है। इसलिए उन्हांेने व्यवसाय शुद्धि के सूत्र दिए कि झूठ तोल-माप, मिलावट मत करो, दिखाने और देने में फर्क ना हो, किसी की धरोहर का गबन मत करो। अब माइक्रो, मैक्रो से आगे ग्लोबल इकोनोमिक्स की आवश्यकता है।“

उपरोक्त विचार मुनि श्री सम्बोध कुमार “मेघांश“ ने यूसीसीआई में व्यक्त किये।

उदयपुर चेम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री तथा तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में यूसीसीआई भवन में “भगवान महावीर का सापेक्ष अर्थशास्त्र“ विषय पर एक वार्ता का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम में युगप्रधान आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन श्री मुनि सुरेश कुमार के सहवर्ती मुनि सम्बोध कुमार मेघांश ने उद्यमियों और व्यवसायियों को विषय के संबंध में व्याख्यान देते हुए कहा कि मार्कस और केनिज ने लर्निंग, अर्निंग और लिविंग का चिंतन दिया। 

एक ओर आर्थिक समृद्धि, दूसरी ओर गरीबी की बढ़ती रेखा यह साबित करती है कि देश की अर्थव्यवस्था में कहीं तो खामी है। संयुक्त राष्ट्रसंघ इस अर्थव्यवस्था को सुधारने में अपनी अहम भूमिका निभाए। उन्हांेने भगवान महावीर की दृष्टि में अर्थव्यवस्था के सूत्रों पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संतुलित संवेग से ही संतुलित अर्थव्यवस्था का जन्म होगा। वही अर्थव्यवस्था सही है जो विश्व शांति के लिए खतरा ना हो, अपराध में कमी लाए, हिंसा को प्रोत्साहित ना करें, पदार्थ को उपयोगी बनाए और सह-अस्तित्व का बोध कराएं। सर्जन और विसर्जन के बीच संतुलन का सेतु स्थापित होगा तभी गरीबी की रेखा मिटेगी। मनुष्य का जीवन पुनिया श्रावक की तरह शांत, संतुष्ट और सुखी हो।

कार्यक्रम के आरम्भ में अध्यक्ष श्री एम.एल. लूणावत ने मुनिश्री एवं अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए यू.सी.सी.आई. की गतिविधियों को संक्षिप्त परिचय दिया। 

मानद महासचिव डाॅ. पवन तलेसरा ने युवाओं को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु यूसीसीआई द्वारा संचालित वोकेशनल ट्रेनिंग सेन्टर के बारे में जानकारी दी। 

कार्यक्रम में तेरापंथ सभाध्यक्ष श्री कमल नाहटा ने अर्थ की सार्थकता एवं इसके उपयोग पर विचार व्यक्त किये। 

तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम, उदयपुर के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र कुमार चण्डालिया ने फोरम की गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। 

इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को मुनिश्री मेघांश द्वारा लिखित पुस्तक “डिस्कवर लाईफ“ का निःशुल्क वितरण किया गया।  

कार्यक्रम का संचालन डॉ. ज्योति नाहर ने किया। कार्यक्रम में यूसीसीआई तथा तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम, उदयपुर के सदस्यों सहित समाज से जुड़े 70 से अधिक उद्यमियों ने परिवारसहित मुनिश्री के व्याख्यान का लाभ


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