आशातीत सफलताओं के साथ अविस्मरणीय रहा विराट धार्मिक महोत्सव,

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Published on : 29 Nov, 24 08:11

लालीवाव पीठाधीश्वर ने जताया सभी का आभार

आशातीत सफलताओं के साथ अविस्मरणीय रहा विराट धार्मिक महोत्सव,

बांसवाड़ा, सदियों पुरानी ऐतिहासिक सिद्ध तपोभूमि लालीवाव मठ के पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर श्रीमहंत हरिअेमदास महाराज ने हाल ही सम्पन्न आठ दिवसीय विराट धार्मिक महोत्सव को सफल एवं यादगार बनाने के लिए सभी धर्मानुरागियों का आभार व्यक्त किया और इनकी आत्मीय सहभागिता को सनातन परम्पराओं के संरक्षण एवं संवर्धन में अहम् निरूपित किया है।

लालीवाव पीठाधीश्वर ने कहा कि मठ में श्रीविद्या महायज्ञ, 9 कुण्डीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ, 108 भागवत कथा पारायण, विश्वविख्यात संत अग्रमलूक पीठाधीश्वर एवं रैवासा पीठाधीश्वर श्रीराजेन्द्रदास देवाचार्य जी महाराज के श्रीमुख से भागवत कथा आदि वृहत अनुष्ठानों एवं कार्यक्रमों की आशातीत सफलता के लिए समर्पित भागीदारी सराहनीय रही है।

महामण्डलेश्वर श्रीमहंत हरिओमदास महाराज ने इस अपूर्व एवं ऐतिहासिक आयोजन में गरिमामय सान्निध्य प्रदान करने वाले देश के विभिन्न मठों, आश्रमों, अखाड़ों, सम्प्रदायों और पीठों से पधारे श्रीमद्जगद्गुरुवृन्दों, महामण्डलेश्वरों, श्रीमहंतों, पीठाधीश्वरों, संत-महात्माओं, संत समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों, तन, मन एवं धन से योगदान करने वाले सहयोगियों, यज्ञ एवं पोथी यजमानों एवं उनके परिवारजनों, अनुष्ठानों को सफलतापूर्वक संपादित कराने वाले आचार्यमण्डल सहित समस्त भूदेवों, भागवत पारायणी विद्वानों, महोत्सव आयोजन समिति के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्त्ताओं, विभिन्न व्यवस्थाओं में जुटे सभी समर्पित कर्मयोगियों एवं कर्मयोगिनियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।

लालीवाव पीठाधीश्वर ने विभिन्न प्रबन्धों से संबंधित संसाधन एवं सेवाएं उपलब्ध कराने वाले बंधुओं, मातृशक्ति, पुलिस एवं प्रशासन, विभिन्न संगठनों एवं संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं सदस्यगण, लालीवाव मठ की सेवा में अहर्निश संलग्न अनुयायियों, बेहतर कवरेज के माध्यम से जन-जन तक व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए धर्म-अध्यात्म की अलख जगाने वाले समस्त मीडियाकर्मियों और विभिन्न आयोजनों में श्रृद्धा और आस्था के साथ उपस्थित रहने वाले समस्त भक्तों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है।

महामण्डलेश्वर ने सभी सहभागियों एवं सहयोगियों के प्रति मंगलकामनाएं व्यक्त करते हुए आशीर्वाद दिया है और विश्वास व्यक्त किया है कि मठ की ओर से आगामी समय में सनातन परम्पराओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए होने वाले आयोजनों में इसी प्रकार का सहयोग एवं सहभागिता प्राप्त होती रहेगी।


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