जो माता-पिता बेटी का पक्ष लेते हैं, वह ससुराल में कभी खुश नहीं रहती

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Published on : 24 Nov, 24 11:11

भैरव भक्ति महोत्सव का अंतिम दिन-

जो माता-पिता बेटी का पक्ष लेते हैं, वह ससुराल में कभी खुश नहीं रहती

नीमच। संत और नदी बहते रहते हैं। आज यहां तो कल वहां। अगर नदी और संत एक जगह ठहर गए, तो न जल साफ रहेगा और न ही गंदगी रूपी सामाजिक बुराईयां स्वच्छ होगी। गुरु जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग बताता है। गुरु के सानिध्य में रहने से सद्ज्ञान मिलता है।
यह विचार राष्ट्र संत डॉ. वसंत विजय जी महाराज ने दशहरा मैदान में आयोजित 9 दिवसीय भैरव भक्ति महोत्सव के अंतर्गत भैरव महापुराण कथा में अंतिम दिन शनिवार को कथा पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही।  उन्होंने कहा कि जो माता पिता बेटी का पक्ष लेते हैं, वह अपने ससुराल में कभी खुश नहीं रहती है। गुरूदेव ने कहा कि विवाह के बाद कन्या के लिए पति और ससुराल पहले होता है। माता-पिता बाद में। बेटियों का जीवन संवारना है तो यह मत देखों की  बेटिया ससुराल में क्या कर रही है। अगर देखोंगे और छोटी-मोटी बात पर बेटी का पक्ष लोगे, तो उनका घर बिगड़ना निश्चित है। उन्होंने कहा कि पंडाल में ऐसी कई माताएं मौजूद होगी, जिनकी बेटियां आज ससुराल के बजाए घर बैठी हुई है।
विवाह में जाएं तो वर-वधु के आशीर्वाद दें-
राष्ट्र संत ने कहा कि डॉ. वसंत विजय जी महाराज ने कहा कि शादियां कभी सामाजिक कार्यक्रम हुआ करते थे, लेकिन आज विवाह समारोह हो चुके हैं। जहां लोग सिर्फ खाना खाने जाते हैं और लिफाफा देकर अपने घर लौट आते हैं, जबकि शादी का जो निमंत्रण पत्र दिया जाता है, उसमें स्पष्ट लिखा होता है कि वर-वधु को आशीर्वाद प्रदान करें, जिसका सीधा अर्थ यह होता है कि आप विवाह में पधारे और नव दंपती को आशीर्वाद प्रदान करें। ताकि आपने आपके जीवन में जो भी पुण्य कार्य या प्रभु की भक्ति की है, तो वर-वधु का नव जीवन सफल हो जाए। कथा में  गुरूदेव ने भैरव कथा पुराण का श्रवण भक्तों को कराया।
भक्तों ने बताई गुरूदेव को समस्याएं-
भैरव भक्ति महोत्सव के अंतिम दिन भैरव महापुराण कथा का पंडाल खचाखच भर गया था। गुरूदेव की एक झलक पाने भक्तों बेताब नजर आए। कथा पंडाल में गुरूदेव को कई भक्तों ने अपनी समस्याएं बताई और  बीते 9 दिनों में उनके जीवन में जो चमत्कार हुए, उससे अवगत कराया। कथा में शाम 7 बजे अष्ट कुंड यज्ञ आरंभ हुआ, जिसमें मंत्रोच्चार के साथ रात्रि करीब 11 बजे पूर्णाहुति दी गई।

विश्व की सबसे बड़ी रंगोली का गुरूदेव ने किया अवलोकन
कथा पंडाल में बैठने के पहले राष्ट­ संत डॉ. वंसत विजय जी महाराज ढोल-ढमाकों के साथ डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्टेडियम पहुंचे। जहां उन्होंने पूजा अर्चना कर विश्व की सबसे बड़ी रंगोली की प्रदर्शनी का शुभारंभ आमजन के अवलोकन के लिए किया। इसके बाद गुरूदेव ने विश्व किर्तीमान बनाने वाली 84 हजार वर्गफीट क्षेत्र मेंं बनी रंगोली चारो और घूम कर अवलोकन किया। इस दौरान गुरूदेव ने अखंड भारत को समर्पित रंगोली में उकेरे गए देश के संत, महापुरूषों, क्रांतिकारियों, राष्ट­ भक्त, प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही गुरूदेव के चित्र का अवलोकन किया। इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक राकेश पप्पू जैन, कार्यक्रम प्रभारी राजकुमार सोनी, शोकिन जैन, हेमंत भंडारी, अभिषेक कोठारी, कान्हा सोनी, ललित पाटीदार, सुनील जैन, सत्यनारायण पाटीदार समेत बड़ी संख्या में भैरव भक्त मंडल से जुड़े  पदाधिकारी और सदस्यगण मौजूद थे।

 


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