महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक मात्स्यकी महाविद्यालय, उदयपुर में गुरूवार को विश्व मत्स्य दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाँ. आर. ए. कौशिक ने मछली के न्युट्रेशनल वेल्यु के बारे में बताया और मत्स्य विभाग में भारत के 3 करोड़ युवक युवतियों को रोजगार देता है और अधिष्ठाता महोदय ने 21 नवम्बर 2024 के विश्व मत्स्य दिवस की थीम ‘‘भारत का नीला परिवर्तनः लघु-स्तरीय और टिकाऊ मत्स्य पालन को मजबूत करना’’ इसके बारे मे भी अवगत किया। दुनिया की 2/3rd तक मछलियां खत्म हो गई है। 1/3rd तक से अधिक गिरावट के कारण जैसे की अवैध अप्रतिबन्धित और अनियमित, प्रदुषण और ग्लोबल वार्मीग। कार्यक्रम में विद्यार्थियों का मनोबल बढाते हुए डाँ. एम.एल. औझा ने मत्स्य के बारे मे कुछ महत्वपुर्ण तथ्य हर व्यय हर साल 22 बिलियन को ओवर फिशींग को सब्सिडी देने के लिए खर्च किया जाता है जो महासागर के संसाधनो को अधिभारित करता है। इसके साथ ही दो महत्वपुर्ण दिवस जैसे की मत्स्य कृषक दिवस एवं विश्व मत्स्य दिवस के बारे मे बताया। डाँ. सुमन ताकर ने टिकाऊ मत्स्य पालन एवं लघु-स्तरीय योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण और संक्षिप्त रूप से जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर महाविद्यालय के विद्यार्थी अभिषेक सिंगोदिया ने विश्व मत्स्य दिवस क्यो मनाया जाता है के बारे मे संक्षिप्त जानकारी दी। एवं खुशी राव, सीमा, अभिनव इत्यादी ने विश्व मत्स्य दिवस के बारे में अवगत कराया।