हार्ट ट्यूमर का सफल इलाज: 25 साल की रोगी को मिला नया जीवन

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Published on : 19 Nov, 24 15:11

हार्ट ट्यूमर का सफल इलाज: 25 साल की रोगी को मिला नया जीवन


उदयपुर, गीतांजली हॉस्पिटल: 25 साल की रोगी पिछले दो महीनों से छाती में तेज दर्द, दिल की धड़कन में अनियमितता और घबराहट की समस्या से परेशान थी। उसके परिवार ने उसे गीतांजली हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टर रमेश पटेल ने मरीज की जांच की। इकोकार्डियोग्राफी से पता चला कि उसके हार्ट के लेफ्ट वेंट्रिकल में 30 मिमी का बड़ा ट्यूमर मौजूद था। यह स्थिति काफी गंभीर थी और आमतौर पर इस तरह के ट्यूमर का इलाज ओपन हार्ट सर्जरी द्वारा किया जाता है, जिसमें चीरा लगाना पड़ता है।

मरीज बड़ी सर्जरी से डर रही थी और परिवार भी कम जोखिम वाले विकल्प की तलाश में था। डॉक्टर रमेश पटेल और उनकी टीम ने मरीज की चिंता को ध्यान में रखते हुए, एक नई और सुरक्षित तकनीक अपनाने का निर्णय लिया। उन्होंने बिना सर्जरी के, ट्यूमर की रक्त आपूर्ति को रोकने के लिए सिलेक्टिव कोइलिंग तकनीक का इस्तेमाल किया। इस प्रक्रिया में ट्यूमर को खून पहुंचाने वाली नस को सिलेक्टिवली ब्लॉक कर दिया गया, जिससे ट्यूमर की वृद्धि रुक गई और उसे निष्क्रिय किया जा सका।

यह तकनीक दक्षिण राजस्थान में पहली बार अपनाई गई थी। आमतौर पर हार्ट ट्यूमर के इलाज में चीरा लगाकर ट्यूमर को हटाया जाता है, लेकिन इस नई विधि से सर्जरी की जटिलता और जोखिम को कम किया गया। डॉक्टर रमेश पटेल, डॉ. दिलीप जैन, डॉ. गौरव मित्तल, डॉ. सनी और डॉ. योगिता की टीम ने मिलकर यह जटिल ऑपरेशन सिर्फ एक घंटे में पूरा किया और मरीज को नया जीवन दिया।

मुख्य बिंदु:
• मरीज का नाम: रेखा परिवर्तित नाम (25 साल)
• समस्या: लेफ्ट वेंट्रिकल में 30 मिमी का ट्यूमर
• इलाज: सिलेक्टिव कोइलिंग तकनीक से ब्लड सप्लाई रोककर ट्यूमर को निष्क्रिय किया गया
• समय: सर्जरी 1 घंटे में सफलतापूर्वक पूरी हुई
• विशेषता: दक्षिण राजस्थान में पहली बार इस प्रकार की सर्जरी की गई
• सर्जरी टीम: डॉ. रमेश पटेल, डॉ. दिलीप जैन, डॉ. गौरव मित्तल, डॉ. सनी, डॉ. योगिता

ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति स्थिर है और अच्छा स्वास्थ्य लाभ भी मिल रहा है। गीतांजली हॉस्पिटल का कार्डियोलॉजी विभाग इस प्रकार की जटिल प्रक्रियाओं को नियमित रूप से सफलतापूर्वक अंजाम देता है।

डॉ. रमेश पटेल ने बताया कि इस तकनीक से हार्ट ट्यूमर जैसी गंभीर समस्याओं का इलाज अब बिना बड़ी सर्जरी के संभव है, जिससे मरीज की रिकवरी जल्दी होती है और सर्जरी से जुड़े जोखिम भी कम हो जाते हैं। रोगी और उसके परिवार ने डॉक्टरों की टीम का आभार व्यक्त किया और इस सफल इलाज के लिए हॉस्पिटल की प्रशंसा की।

गीतांजलि हॉस्पिटल की यह उपलब्धि यह साबित करती है कि आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञता से मरीजों को उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवा दी जा सकती है, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।


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