राजस्थान में पर्यटन का स्वर्ण युग तोड़ रहा है सभी पिछले रिकार्ड 

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Published on : 18 Nov, 24 07:11

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपना विशेष स्थान रखने वाले राजस्थान पर्यटन को इन दिनों पंख लगे हुए हैं। प्रदेश का पर्यटन उद्योग इस समय अपने चरमोत्कर्ष पर चल रहा है। इसकी बानगी इस बात से भी आंकी जा सकती है कि वर्ष सितंबर के अंत तक प्रदेश में 15 करोड़ 80 लाख से ज्यादा पर्यटक आए है जोकि अपने आपमें एक रिकॉर्ड है। राजस्थान पर्यटन का अपना एक अलग ही आकर्षण है जिसकी वजह से आज राज्य में रोजाना औसतन 5 लाख 85 हजार पर्यटक और हर महीने औसतन पौने दो करोड़ से ज्यादा पर्यटक आ रहे हैं। पर्यटकों की आवक के सभी रिकॉर्ड धराशायी हो रहें है।

राजस्थान का सतरंगी पर्यटन और रंग बिरंगा राजस्थान के लोगों की मेहमानबाजी शुरू से ही देश दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं लेकिन कोरोना के दौर में राजस्थान सहित पूरी दुनिया का पर्यटन ढांचा भरभरा कर धराशायी हो गया था। ये वो दौर था जब दुनिया का पर्यटन उद्योग गर्त में जाता दिख रहा था। लाखों लोग बेरोजगार हुए, ट्रेवल इंडस्ट्री की पचास फीसदी से ज्यादा इकाईया बंद हो गई लेकिन राजस्थान ने  वापसी का जोरदार जज्बा दिखाया और पूरी शिद्दत से पर्यटन ढांचे को दोबारा खड़ा करने में अपनी ताकत लगाई। इसके नतीजे इतने शानदार रहे कि राजस्थान पर्यटन दोबारा अपने पैरों पर खड़ा ही नहीं हुआ बल्कि दौड़ने लगा है और पूरे देश और दुनिया के लिए एक मॉडल बन गया हैं।कोरोना के बाद वैसे भी लोग प्रकृति की तरफ और अपने परंपरागत खानपान की तरफ लौटे हैं इसलिए राजस्थान को ज्यादा पसंद किया जा रहा है। राजस्थान में पावणों की संख्या में जोरदार वृद्धि के इस दौर का मुख्य कारण राजस्थान पर्यटन विभाग की देश विदेश में एग्रेसिव मार्केटिंग, प्रदेश के वन अभ्यारण्यों की जंगल सफारी, पुरातत्व विभाग के मॉन्यूमेंटस और नए पर्यटन स्थलों के विकास को बताया जा रहा हैं । हेरिटेज पर्यटन, जंगल सफारी और वाटर स्पोर्ट्स आदि के साथ बारह महीनों पर्यटन की सोच के कारण मरुधरा को लेकर सैलानियों का क्रेज और अधिक बढ़ गया है । ऐसे में इसे ट्रेवल ट्रेड का  स्वर्ण काल माना जा रहा है। केंद्र की स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना में जिस तरह के काम हुए वो भी मील का पत्थर साबित हुए है। पुरातत्व विभाग के अनुसार प्रदेश के स्मारकों पर आधारभूत ढांचे का विकास और बेहतर प्रबंधन पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। इसी तरह पर्यटन विभाग की ओर से देश-विदेश में की जा रही एग्रेसिव मार्केटिंग और रोड शो राजस्थान पर्यटन के लिए संजीवनी साबित हो रहे है। सैलानियों को वन विभाग द्वारा कराई जा रही टाइगर और लेपर्ड सफारी वन्यजीव प्रेमियों में खासी लोकप्रिय है। राजस्थान का खानपान एवं वेशभूषा, भाषा की विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और हस्त शिल्प राजस्थान पर्यटन को तेजी से शीर्ष की और ले जा रहा है। 

कोरोना के बाद वर्ष 2022 में राजस्थान ने पर्यटकों की आवक का रिकॉर्ड बनाया। वर्ष 2022  में राजस्थान में 10 करोड़ 87 लाख से ज्यादा पर्यटक आए। पर्यटकों के इस सैलाब से पूरी दुनिया चकित हो गई कि कैसे राजस्थान ट्रेवल ट्रेड को संजीवनी देने वाला प्रदेश बना।दुनियाभर के ट्रेवल एजेंट और टूर ऑपरेटर राजस्थान पर्यटन की इस सफलता के राज जानने की कोशिश कर ही रहे थे कि राजस्थान पर्यटन ने वर्ष 2023 में ही ग्लोबल ट्रेवल इंडस्ट्री को फिर चौंका दिया हैं। पावणों के प्रदेश राजस्थान का “पधारो म्हारे देश” का स्लोगन एक बार फिर से दुनिया भर में बुलंद हो रहा है। आज राजस्थान पर्यटकों के प्रदेश में आने के मामले में एक ऐसे रिकॉर्ड की तरफ बढ़ रहा है जिसे भविष्य में शायद राजस्थान ही तोड़ पाएगा। इस वर्ष सितंबर तक राजस्थान में रिकॉर्ड 15.80 करोड़ सैलानी आए है जबकि पिछले वर्ष 2023 में इस अवधि में 13.28 करोड़ आए थे। इस प्रकार गत वर्ष के मुकाबले पर्यटकों की आवक में 18.91 फीसदी वृद्धि हुई है। इसी तरह स्वदेशी पर्यटकों की संख्या में 18.77 फीसदी और विदेशी पर्यटकों  में 37.73 फीसदी वृद्धि हुई है। पर्यटकों की संख्या में ही यह वृद्धि  वर्ष 2022 से 66 फीसदी ज्यादा है।  राजस्थान में  वर्ष 2023 में राजस्थान में 18 करोड़ 7 लाख से ज्यादा पर्यटक आए थे और इस वर्ष सितंबर अंत तक प्रदेश में 15 करोड़ 80 लाख से ज्यादा पर्यटकों की आवक नए रिकॉर्ड बना दिए हैं ।अभी नए वर्ष के आगमन में करीब डेढ़ महीना शेष हैं और माना जा रहा है कि वर्ष 2024 को विदाई देते देते प्रदेश में  आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ कर 24 करोड़ तक पहुंच जाएगी।

साल के अंत में क्रिसमस और न्यू ईयर को लेकर पर्यटक स्थलों पर टूरिस्टों के आने का सिलसिला बढ़ता है तथा देश-विदेश से पर्यटक राजस्थान की सैर करने के लिए आते है। ऐसे में राजस्थान के 6 हॉट डेस्टिनेशन जैसलमेर, रणथंभौर, जयपुर, माउंट आबू, जोधपुर और उदयपुर के सभी सितारा और बजट होटल बुक हो गए है, जबकि अब बुकिंग तलाश रहे पर्यटकों को तीन गुना तक कीमत चुकानी पड़ सकती है।  दिसंबर से 15 जनवरी तक होटल, रिजॉर्ट में एक भी रूम लेना बहुत मुश्किल काम होगा ।

अगले माह दिसम्बर के राजस्थान की राजधानी पिंक सिटी जयपुर में 9 से 11 दिसंबर तक राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट होने जा रहा है। इसके चलते दिसंबर का पहला पखवाड़ा भी फुल बुक हो गया है। पर्यटकों के लिए विशेष आयोजनों की श्रृंखला तैयार की गई है। ऐसे में ट्रेवल ट्रेड के चेहरे खिले है। प्रदेश में अभी तक 1 लाख से ज्यादा कमरों की बुकिंग हो गई है. जबकि दिसंबर में 500 करोड़ से ज्यादा राजस्व आने की उम्मीद है।
 
राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट से पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में देश विदेश आयोजित किए जा रहे रोड शो से भी राजस्थान पर्यटन को नए पंख लग रहे हैं। इन रोड शो में प्रदेश की उप मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दिया कुमारी के विजन की सर्वत्र चर्चा हो रही है।
दिया कुमारी ने अपनी टीम के सरगना पर्यटन सचिव रवि जैन और आयुक्त वीपी सिंह सहित पूरी पर्यटन टीम जिस समन्वय के साथ काम कर रही है,उसके नतीजे काफी सुखद आ रहे हैं। प्रदेश में सरकार भाजपा की है और उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी के पास पर्यटन का भी जिम्मा है। ऐसे में राजस्थान पर्यटन के क्षेत्र में विकास की नई गाथा लिखने जा रही है। 

उम्मीद है कि चालू वर्ष में राजस्थान में पर्यटकों की आवक के रिकॉर्ड टूटने की हैट्रिक लगेगी और राजस्थान दुनिया में पर्यटन का सिरमौर बन कर रहेगा।


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