आसमान छूती मंहगाई में एम डी एम चलाना मुश्किल

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Published on : 16 Nov, 24 10:11

थाली से हरि सब्जी और फल गायब

आसमान छूती मंहगाई में एम डी एम चलाना मुश्किल

राजस्थान में सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना संचालन और कुक कम हेल्पर का अल्प मानदेय भुगतान अब एस एम सी ओर संस्था प्रधान के गले की फांस बनता जा रहा हैं जिसमें गेहूं और चावल तो राज्य सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं किन्तु वर्तमान में बढ़ती महंगाई में तेल मसाले, गैस की टंकी सहित विभिन्न खाद्य सामग्री ,फल फ्रूट, हरी सब्जी ने व्यवस्था बिगाड़ कर रख दी है।

*कुक कम हेल्पर मानदेय बढ़ाने और कन्वर्जन राशि दुगनी करने की मांग*

राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के प्रदेश महामंत्री नवीन कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदेश में जिस कदर मंहगाई बढ़ रही हैं उसी अनुपात में कुक कम हेल्पर को मानदेय बढ़ाने और कन्वर्जन राशि दुगनी करने की आवश्यकता है एक ओर अन पूर्ण रसोई में प्रति व्यक्ति 27 रु का भुगतान होता है जबकि सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली से पांचवीं तक 5.45 ओर छह से आठवीं तक 8.17 रु भुगतान किया जाता हैं अतः कन्वर्जन राशि दुगनी किया जाना न्याय संगत है वही सभी विद्यार्थी को नव से बारहवीं कक्षा तक को भी मिड डे मिल से जनजाति बहुल इलाकों में जोड़ा जाना चाहिए 

 दूसरी ओर दैनिक मजदूरी 769 रु अकुशल मजदूर को दिए जाने के लिखित प्रावधान है किन्तु स्कूलों में कार्यरत कुक कम हेल्पर को मानदेय भुगतान 2143 रु मासिक यानि 72रु प्रति दिन दिया जा रहा हैं मानदेय भी चार से छ माह बाद मिलता है अतः अधिकांश कुक कम हेल्पर कार्य करने हेतु तैयार नहीं है।जिससे संस्था प्रधान ओर एस एम सी स्थानीय स्तर पर अतिरिक्त व्यवस्था कर मिड डे मिल संचालित कर रहे हैं।

*चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रिक्त पदों पर कुक कम हेल्पर भर्ती की मांग* 

शिक्षाविद सियाराम शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा हाल ही में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की 58692 के लगभग भर्ती करने वाली है जिसमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रिक्त पदों पर कुक कम हेल्पर का समायोजन किया जाना चाहिए ताकि वर्षो से कार्यरत कुक कम हेल्पर को न्याय दिला सकें और इनका मानदेय 23465 रु प्रति माह न्यूनतम गारंटीशुदा अकुशल मजदूर को प्राप्त मजदूरी के समान किया जाना चाहिए।

*महंगाई होने से विद्यार्थियों की थाली में नहीं परोस रहे फल-हरी सब्जियां, दाल, तेल व मसाले भी महंगे*

राजस्थान में मिड डे मील योजना के तहत सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यार्थियों को प्रतिदिन मध्याह्न में भोजन दिया जाता है।

 यह योजना विद्यार्थियों को विद्यालय में नियमित रूप से आने के लिए प्रेरित करने और पर्याप्त पोषण प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई थी। 

बढ़ती महंगाई ने योजना को प्रभावित किया है। इसमें विद्यार्थियों की थाली प्रभावित हो रही है। 

जिले के सरकारी विद्यालयों में हजारों विद्यार्थी इस योजना से लाभान्वित होते हैं।

 हाल में मौसम की अस्थिरता से हरी सब्जियों की कीमतें भी बढ़ गई हैं। सब्जियों के साथ दाल, तेल और मसालों की कीमतें भी पिछले एक साल में काफी बढ़ी है। 

इसका असर बच्चों की थाली पर हो रहा है। महंगाई के चलते मेन्यू के अनसार पोषाहार सामग्री की मात्रा में कटौती की जा रही है।

*प्रतिदिन का अलग अलग मेन्यू*

शिक्षा विभाग ने सोमवार से शनिवार तक के लिए अलग मेन्यू निर्धारित किया है। सोमवार को रोटी सब्जी, मंगलवार नमकीन दाल चावल, बुधवार दाल रोटी, गुरुवार खिचड़ी, शुक्रवार दाल रोटी, शनिवार सब्जी रोटी मेन्यू में शामिल किए गए है। इसके अलावा इस मेन्यू में सप्ताह में दो बार बच्चों को प्रोटीन और विटामिन युक्त हरी सब्जियां व फल परोसने का प्रावधान है। फल व हरी सब्जियां महंगी होने से नियमित नहीं परोसी जा रही है।

*यह मिल रही राशि*

शिक्षा विभाग की ओर से पोषाहार सामग्री के लिए कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को 5.45 रुपए और कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को 8.17 रुपए प्रति छात्र का भुगतान मिलता है। 

इस राशि में तेल, दाल, मिर्च, मसाला, और गैस सिलेंडर शामिल हैं। लेकिन फल, सबिज्यों व तेल की कीमतों में वृद्धि ने इस राशि को अपर्याप्त बना दिया है।

*कुकिंग कन्वर्जन राशि में बढ़ोतरी नहीं*

मिड डे मील योजना की लागत मूल्य में बाजार मूल्य की वृद्धि नहीं होने के कारण, शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन के सामने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने में कठिनाई हो रही है। 

कुछ स्कूलों में बच्चों को रोटी कम और दाल में पानी ज्यादा मिल रहा है। फल लगभग मिलना बंद ही हो गए। 

अक्टूबर 2022 में बढ़ाई गई कुकिंग कन्वर्जन राशि में कोई सार्थक बदलाव नहीं लाया है। इससे शिक्षकों को परेशानी और अभिभावकों में नाराजगी बढ़ रही है।

 अधिकारी पोषाहार सामग्री व भोजन की गुणवत्ता की निगरानी करते हैं लेकिन बजट में सुधार की कमी पर उनका ध्यान नहीं है। 

मिड डे मील योजना से जुडे शिक्षकों का कहना है सब्जी, मिर्च, मसाले सब कुछ महंगा हो गया है। महंगाई के अनुसार सरकार को वर्ष में दो बार कुकिंग कन्वर्जन राशि बढ़ानी चाहिए।

जिससे बालकों को मेन्यू के अनुसार गुणवत्ता युक्त भोजन उपलब्ध हो सके।

*मसालों के भाव किलो में….*

हरी मूंग दाल 105 से 110 रुपए

सरसों तेल 140 से 150 रुपए

मुंगफली तेल 165 से 195रुपए 

लाल मिर्ची 270 से 300 रुपए

हल्दी 190 से 250 रुपए

जीरा 300 से 450 रुपए

राई 780 रुपए से975 रुपए

मेथीदाना 750 रुपए से 834 रुपए 

*सप्ताह में एक दिन बच्चों को स्कूल प्रबंधन देगा अपनी पसंद का भोजन*

सरकारी स्कूलों में आठवीं तक के बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील के भोजन में सप्ताह में एक दिन निर्धारित मेन्यू से अलग भोजन भी परोसा जा सकेगा। मिड डे मील आयुक्त की ओर से सोमवार से शनिवार तक का मेन्यू निर्धारित है। उन्होंने इसमें एक दिन स्कूल प्रबंधन को अपनी पसंद से भोजन देने की छूट दी है।

अभी स्कूलों में सोमवार और शनिवार को सब्जी-रोटी, बुधवार व शुक्रवार को दाल-रोटी, मंगलवार को दाल-चावल तथा गुरुवार को खिचड़ी का मेन्यू निर्धारित है। आयुक्त ने स्थानीय मांग के अनुसार एक दिन निर्धारित मेन्यू से अलग संस्था प्रधानों को भोजन देने के लिए अधिकृत किया है। साथ ही अब सप्ताह में गुरुवार को फल दिए जाएंगे। पहले सप्ताह में किसी भी एक दिन फल देने की व्यवस्था थी। कोई वार तय नहीं था।

*कुक के लिए मापदंड जारी*

आयुक्त ने आठवीं कक्षा तक 50 बच्चों का भोजन बनाने के लिए एक कुक और 51 से 150 छात्र संख्या होने पर दो कुक कम हेल्पर रखने का मापदंड भी तय किया है। छात्र संख्या 400 तक होने पर 3 कुक कम हेल्पर लगाए जा सकते है। 400 से अधिक होने पर प्रत्येक 150 बच्चों के नामांकन पर एक अतिरिक्त कुक कम हेल्पर लगाया जा सकेगा। कुक कम हेल्पर को 2143 रुपए का मानदेय हर माह दिया जा सकेगा। जो अधिकतम 10 माह का होगा।

" *सरकार को गरीब कुक कम हेल्पर की बदहाल स्थिति ओर अल्प मानदेय में बढ़ोतरी करते हुए अपने लिखित आदेश न्यूनतम गारंटीशुदा अकुशल मजदूर को प्राप्त मजदूरी 769 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 23465 रु प्रति माह मानदेय भुगतान किया जा कर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रिक्त पदों पर नियमित वेतन श्रृंखला में समायोजन किया जाना चाहिए*

 


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