तलवंडी निवासी उमा देवी के पुत्र, दृष्टिबाधित और विलक्षण प्रतिभा के धनी राजेश गौतम (46 वर्ष), का आज सुबह हृदयाघात के कारण आकस्मिक निधन हो गया। जन्म से दृष्टिहीन होने के बावजूद, राजेश ने कभी अपनी दिव्यांगता को अपनी राह में रुकावट नहीं बनने दिया। उनका व्यवहार हर मिलने वाले को प्रभावित करता था, और वे हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते थे।
राजेश, जो एक नियमित रक्तदाता थे, पिछले दस वर्षों से शाइन इंडिया फाउंडेशन के साथ जुड़कर नेत्रदान की पहल में ‘ज्योति मित्र’ के रूप में भी कार्य कर रहे थे। उन्होंने 2013 में अपने 15 से अधिक दृष्टिबाधित मित्रों के साथ नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा था। उनका कहना था कि दृष्टिबाधिता उनके लिए कभी अभिशाप नहीं रही। वे एक कुशल कवि, लेखक, गीतकार, तबला-हारमोनियम वादक, और प्रेरक वक्ता थे।
आकाशवाणी पर कई कार्यक्रमों में भाग लेने वाले राजेश ब्रेल लिपि के माध्यम से स्नातक तक पढ़े हुए थे। उनकी यह सकारात्मक सोच, साफ-सुथरे कपड़े, समय की पाबंदी और आत्मविश्वास उन्हें असाधारण बनाते थे। उन्होंने जब यह जाना कि उनकी आंखों से कोई और दुनिया देख सकता है, तो उन्होंने शाइन इंडिया के माध्यम से नेत्रदान का संकल्प लिया। उनके रेटिना के खराब होने के बावजूद, उनके कॉर्निया को सुरक्षित दान किया जा सका।
उनके निधन के उपरांत उनके परिवार के सभी सदस्यों की सहमति से सुबह 6 बजे उनके निवास स्थान पर शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से नेत्रदान की प्रक्रिया संपन्न हुई। उनके निधन पर राजस्थान दृष्टिहीन निशक्त जन-सेवा समिति, आदर्श दिव्यांग सेवा संस्थान, और शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया।
राजेश गौतम की जीवन यात्रा और उनका नेत्रदान समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है, जो यह संदेश देता है कि संकल्प और सकारात्मकता के बल पर कोई भी व्यक्ति असाधारण योगदान दे सकता है।