भारत में खेलों में खिलाड़ियों के लिए असीम संभावनाएँ: दिलीप टिर्की

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Published on : 12 Nov, 24 05:11

भारतीय हॉकी का स्तर ऊँचाइयों पर पहुँचा

भारत में खेलों में खिलाड़ियों के लिए असीम संभावनाएँ: दिलीप टिर्की

 

उदयपुर (डॉ. मुनेश अरोड़ा) – भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और लंबे समय तक भारतीय हॉकी की "दीवार" रहे दिलीप टिर्की ने एसपीएस विश्वविद्यालय में डी.लिट की मानद उपाधि प्राप्त करने के बाद दिए गए साक्षात्कार में कहा कि भारत में आज खेलों में खिलाड़ियों के लिए असीम संभावनाएँ हैं। खिलाड़ी चाहे तो खिलाड़ी, कोच, फिजियोथेरेपिस्ट या खेल प्रबंधन में अपना भविष्य बना सकते हैं।

टिर्की ने कहा कि आज भारतीय हॉकी का स्तर काफ़ी ऊँचा उठ गया है। ओलंपिक में स्वर्ण और रजत पदक पाने में असफलता को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया, जहाँ टीम को दस खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा। इसके बावजूद, खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और भारतीय हॉकी अब अपनी खोई प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त करने के करीब है। उन्होंने कहा कि भारत में खिलाड़ियों के लिए असीम अवसर हैं, और उन्हें सिर्फ अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करना चाहिए। जीवन में एक न एक बार उन्हें मौका जरूर मिलेगा।

टिर्की ने भारत में 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी की तैयारी का भी जिक्र किया और बताया कि इस संबंध में एमओयू जल्द होने वाला है। उनका मानना है कि ओलंपिक की तैयारी के दौरान देश में खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के कई अवसर मिलेंगे। जब उनसे भारत में खेल प्रबंधन कोर्स के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में अभी तक इस प्रकार का कोर्स नहीं है, लेकिन उन्हें एसपीएस विश्वविद्यालय द्वारा निकट भविष्य में इस तरह का कोर्स शुरू करने की जानकारी मिली है। उनका मानना है कि इस कोर्स से खिलाड़ियों को अधिक अवसर मिलेंगे और यह देश की आवश्यकता भी है। ऐसे कोर्स से खेल प्रबंधन में नई तकनीक और जानकारी मिलने में मदद मिलेगी, जिससे खिलाड़ियों पर दबाव भी कम होगा।

खेलों में राजनीतिक दबाव के बारे में उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को केवल अपना सर्वश्रेष्ठ देने पर ध्यान देना चाहिए और राजनीति की परवाह नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि आप सर्वश्रेष्ठ हैं, तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। हालांकि, टिर्की खेलों में राजनीति के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि इससे खिलाड़ियों को नुकसान होता है और उनके विकास और उत्साह को ठेस पहुँचती है।


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