पेसिफिक यूनिवर्सिटी के बहुप्रतीक्षित पेसिफेस्ट के दूसरे दिन का आयोजन विद्यार्थियों की रचनात्मकता, त्वरित सोच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का सजीव प्रदर्शन बनकर उभरा। इस दिन की प्रतियोगिता में सोलो सॉन्ग, एक्सटेम्पोर, निबंध लेखन, रंगोली मेकिंग और विज्ञान एवं इंजीनियरिंग प्रदर्शनी के माध्यम से विद्यार्थियों को अपनी अनूठी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला। प्रतिभागियों ने इन प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अपनी सोच, कला और ज्ञान का गहरा परिचय दिया।
दूसरे दिन की शुरुआत सोलो सॉन्ग प्रतियोगिता से हुई, जहाँ प्रतिभागियों ने अपनी मधुर आवाज़ और संगीत की समझ से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विभिन्न शैलियों में गाए गए गीतों ने कार्यक्रम स्थल को संगीतमय बना दिया। कुछ छात्रों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के रागों में अपने हुनर का प्रदर्शन किया, तो कुछ ने आधुनिक और बॉलीवुड गीतों को अपनी आवाज़ में ढाला। विद्यार्थियों ने अपने सुर-ताल और गहरे भावों से हर किसी का दिल जीत लिया। निर्णायक मण्डल ने सुर, ताल और भावनाओं के अनुसार सर्वश्रेष्ठ गायक का चयन किया, और इस प्रतियोगिता ने सभी में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया।
इसके बाद एक्सटेम्पोर यानि आशु भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें छात्रों को विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और समसामयिक मुद्दों पर बिना किसी पूर्व तैयारी के बोलना था। विद्यार्थियों ने सीमित समय में अपने विचारों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। उनकी सहज रुप से सोचने और अभिव्यक्त करने की क्षमता ने निर्णायकों और दर्शकों को प्रभावित किया। इस प्रतियोगिता ने छात्र-छात्राओं में आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ-साथ उनकी तर्कशक्ति को भी उजागर किया।
निबंध लेखन प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने महिला सुरक्षा, आर्टिफिश्अल इंटेलिजेंस, सोशल मीडिया, राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका जैसे मुद्दों पर सटीक तथ्यों, संदर्भों और तर्कों के माध्यम से अपने विचार लिखें। इस प्रतियोगिता ने छात्रों की लेखन क्षमता, विश्लेषणात्मक सोच और विषय की गहरी समझ को उजागर किया। निर्णायकों ने निबंधों को स्पष्टता, प्रवाह और विचारों की गहराई के आधार पर आंका। रंगोली प्रतियोगिता में विभिन्न रंगों और डिजाइनों के माध्यम से, विद्यार्थियों ने पारंपरिक और समकालीन शैलियों का समन्वय करते हुए सुंदर रंगोलियाँ बनाई। थीम आधारित रंगोलियों ने सामाजिक संदेशों जैसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं, स्वच्छ भारत अभियान और प्रकृति का संरक्षण को खूबसूरती से प्रस्तुत किया। इस प्रतियोगिता ने न केवल कला को बढ़ावा दिया, बल्कि विद्यार्थियों के भीतर छुपी रचनात्मकता को भी उजागर किया।
दूसरे दिन का मुख्य आकर्षण विज्ञान और इंजीनियरिंग प्रदर्शनी रही। छात्रों ने विज्ञान और इंजीनियरिंग के विभिन्न विषयों पर आधारित अपने प्रोजेक्ट्स प्रस्तुत किए। ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत, जल शोधन प्रणाली, स्मार्ट सिटी मॉडल और कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित रोबोटिक्स प्रोजेक्ट्स को देख दर्शक और निर्णायक मंत्रमुग्ध हो गए। विद्यार्थियों ने अपने मॉडलों के माध्यम से नई सोच और तकनीकी समझ का परिचय दिया। उनकी रचनात्मकता, शोध क्षमता और नवीनता को देखकर निर्णायक मण्डल ने उनकी प्रशंसा की।
समापन और सम्मान समारोह
दूसरे दिन के समापन पर, सभी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया तथा प्रतिभागियों की प्रतिभा और मेहनत की सराहना में सर्टिफिकेट दिये गए। सभी प्रतियोगिताओं के सकल परिणाम के आधार पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए एम.एम.पी.एस स्कूल को विजेजा शील्ड दी गई।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि नेक्सिथोन ग्लोबल सर्विसेज के को-फाउंडर हिमकर दुबे ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें सहयोग और सहकार के माध्यम से न सिर्फ कला जगत बल्कि अकादमिक और व्यवसाय जगत में भी सफलता अर्जित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए शॉर्टकट ना अपनाते हुए विद्यार्थियों को उत्कृष्ट अर्जित करने के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे।