हाउजियम’ लॉक, क्लॉक और पीकॉक का एक अनोखा संग्रहालय

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Published on : 10 Nov, 24 05:11

डॉ. हीरेन शाह का विशेष व्याख्यान

हाउजियम’ लॉक, क्लॉक और पीकॉक का एक अनोखा संग्रहालय

 

उदयपुर, महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर द्वारा सिटी पैलेस में ‘हाउजियम’ एक अनोखा संग्रहालय पर एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। इस व्याख्यान का संचालन अहमदाबाद के प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ एवं फोटोग्राफर डॉ. हीरेन शाह ने किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य संग्रहालय की नवीन अवधारणाओं के साथ सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने के महत्व पर ध्यान केन्द्रित करना था। प्राचीन धरोहरों के सम्मान में अपने घर में ही विभिन्न संग्रह को प्रदर्शित कर उसका नाम ‘हाउजियम’ रखा।

डॉ. शाह ने 40 से अधिक देशों की यात्रा कर अपने संग्रहालय ‘हाउजियम’ में लगभग 10 हजार से अधिक का कलाकृतियाँ शामिल हैं, जिसमें दरवाजे, खिड़कियाँ, संदूक, घड़ियाँ, सजावटी वस्तुएँ, फर्नीचर तथा तालें हैं। जिनमें सबसे खास हिस्सा ‘लॉक म्यूजियम’ है, जिसमें तीन हजार ताले (सबसे बड़ा ट्रिक लॉक संग्रह) और दो हजार जटिल पहेलियाँ शामिल हैं। पिछले 15 वर्षों से अपनी विशेषज्ञता विश्व भर में साझा कर रहे हैं। 2012 में इंडिया टुडे के ट्रैवल प्लस द्वारा डॉ. शाह और उनके ‘हाउजियम’ को देश के 60 सबसे दिलचस्प स्थानों में शामिल किया गया था।

डॉ. शाह का संग्रहालय ताले और ताला बनाने की कला के इतिहास और शिल्प को समर्पित एक अद्वितीय स्थान है। इनके संग्रह में न केवल स्वतंत्रता संग्राम के समय के पारम्परिक भारतीय तालें हैं, जिन पर ‘जय भारत’ जैसे देशभक्ति के नारे खुदे हुए हैं, बल्कि इसमें अन्तर्राष्ट्रीय दुर्लभ वस्तुएँ भी शामिल हैं।

ऑस्ट्रिया के एक प्रसिद्ध ताला संग्रहकर्ता हैन्स शेल का डॉ. शाह के संग्रहालय में आना उनके लिए एक महत्वपूर्ण दिन था। जिन्होंने उनके संग्रह की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्ता को और मजबूत किया। इस अनुभव से प्रेरित होकर डॉ. शाह और उनकी पत्नी ने अपने घर के एक हिस्से को ‘‘हाउजियम’’ में परिवर्तित कर दिया। जहाँ वे आने वाले आगन्तुकों का स्वागत करते हैं। यह संग्रहालय एक इनडोर हेरिटेज वॉक की तरह है, जहाँ आगन्तुकों को प्राचीन समृद्ध परम्पराओं और इन कला रूपों को संरक्षित करने के महत्व का अनुभव मिलता है।

व्याख्यान के समापन पर महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मयंक गुप्ता ने डॉ. शाह का आभार व्यक्त किया और यहां के सिटी पैलेस संग्रहालय से अवगत कराया।


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