लोक कला के  माध्यम से समाज को मिलेगी  स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता

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Published on : 09 Nov, 24 13:11

लोक कला के  माध्यम से समाज को मिलेगी  स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता

 

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली के निर्देशानुसार राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी, जयपुर एवं मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में राज्य स्तरीय फोक मीडिया कार्यशाला का आयोजन 7 से 9 नवम्बर, 2024 तक किया गया। इस कार्यशाला में प्रदेशभर से ख्याल, नुक्कड़ नाटक,  जत्था कला, कठपुतली कला, जादू आदि विभिन्न लोक कलाओं विधाओं में निपुण लोक कलाकारों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य एचआईवी/एड्स और एसटीआई के बारे में लोक कला के  माध्यम से समाज मे जागरूकता फैलाना था।
कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा ने कार्यशाला के उद्देश्यों और इसके महत्व को साझा करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रो मिश्रा ने कहा कि लोक कला की अभिव्यक्ति ज़न मानस के दिलों दिमाग को स्पर्श करती है। आजादी के समय भी लोक कलाकार अपनी कला से लोगों को आजादी के  लिए प्रोत्साहित करते थे ।उसी प्रकार लोक कलाओं का प्रभाव हमेशा रहेगा। राजस्थान की लोक कला हमेशा से विश्वस्तरीय रही है। राजस्थान की प्रसिद्ध  कालबेलिया लोकनृत्य की प्रसिद्ध कलाकार गुलाबों देवी के बारे मे भी बताया कि उन्होंने किस प्रकार राजस्थान का परचम फहराया। 

कला महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रोफेसर हेमंत द्विवेदी ने बताया कि इस तरह की पहल से न केवल लोक कला को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि लोक कला के माध्यम से संदेश को प्रभावी तरीके से लोगों तक पहुंचाया जा सकता है, जो हमेशा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होते हैं।
कार्यशाला के आयोजक एवं रेड रिबन क्लब, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के समन्यवक डॉ. पी. एस. राजपूत ने बताया की सरकार की नीतियों के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए लोक कला के द्वारा जागरुकता का प्रसार किया जाएगा इसके लिए राजस्थान के प्रसिद्ध स्थानीय कलाकारों के दलों को प्रशिक्षित किया गया है। और ये दल अपनी प्रस्तुतियों में प्रभावी स्वास्थ्य जागरुकता संदेश देंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 100 से अधिक लोक कलाकारों ने सहभागिता की। इस कार्यशाला का आयोजन राजस्थान में एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ लोक कला को प्रोत्साहित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।

कार्यशाला में एचआईवी/एड्स और एसटीआई विषय पर 27 राजस्थान के विभिन्न जिलों बीकानेर, अलवर, पाली, नागौर, जैसलमेर,जोधपुर,अजमेर आदि कलाकारों की  टीमों को प्रशिक्षण दिया गया। इन टीमों को अपनी लोक कला के माध्यम से एचआईवी के बारे में संदेश देने के लिए प्रशिक्षित किया गया। साथ ही इन टीमों ने अपनी स्थानीय भाषाओं में गीत, संगीत, कठपुतली, स्वांग,जादू के द्वारा एचआईवी जागरूकता कार्यक्रमों की प्रस्तुतियाँ देने का कार्य किया।

तीन दिन की इस कार्यशाला के दौरान विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा सत्र आयोजित किए गए, जिनमें कला जत्था टीमों की स्क्रिप्ट को एचआईवी विषय के साथ जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया गया। कार्यशाला में राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के डॉ. प्रदीप चौधरी, सीताराम यादव, गरिमा भाटी, ललित चौहान, और रतनलाल माली ने भाग लिया


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