भारतीय मूल की कमला हैरिस का दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति बनने का सपना टूटा

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Published on : 07 Nov, 24 09:11

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

भारतीय मूल की कमला हैरिस का दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति बनने का सपना टूटा

अमरीका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय मूल की कमला हैरिस का दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति बनने का सपना टूट गया। इसके साथ ही अपने आपको दुनिया का सबसे विकसित देश का दावा करने वाले देश अमरीका के लोगों की महिला राष्ट्रपति को लेकर मानसिकता एक बार फिर उजागर हो गई। पिछली बार  हेनरी क्लिंटन भी राष्ट्रपति का ताज पहन कर व्हाइट हाऊस पहुंचने में कामयाब नहीं हो पाई थी।

इस चुनाव को लेकर पूरी दुनिया में भारतीय मूल की कमला हैरिस द्वारा एक नया इतिहास रचने की चर्चाएं थी और कहा जा रहा था कि अमरीका के इतिहास में इससे कड़ा मुकाबला पहले कभी नहीं दिखा। यहां तक इस चुनाव को लेकर कोई  निश्चित दावे के साथ भविष्यवाणी भी करने को तैयार नहीं था लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए पहली बार राष्ट्रपति बाइडन के साथ हुई बहस में जो बढ़त बनाई थी उसे परिणाम आने तक बनाए रखा। उस बहस में उन्हें मिली बढ़त का ही परिणाम था कि राष्ट्रपति बाइडन को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का अपना इरादा बदलना पड़ा और इसी कारण कमला हैरिस को आगे लाया गया। शुरू में भारतीय समुदाय में इसे लेकर  बहुत उत्साह देखा गया । वैसे भी कहा जाता है कि अमरीका में रहने वाले 51 प्रतिशत भारतीय डेमोकेट्रिक पार्टी को अपना समर्थन देते है। मीडिया में आ रही खबरों में यह भी कहते हुए सुना गया कि इस बार भारतीय मूल की कमला हैरिस को रिपब्लिक पार्टी के कट्टर समर्थक भारतीय भी समर्थन दे रहे है। इस कारण मुकाबले को बराबरी की टक्कर का माना गया लेकिन रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसी बाजी पलटी कि वे अपने समर्थकों के साथ ही डेमोक्रेटिक पार्टी तथा स्विंग स्टेट के मतदाताओं को भी अपनी ओर मोड़ने में सफल रहे। इसका एक बड़ा कारण डोनाल्ड ट्रंप का भारत के अनुकूल रहने की नीति तथा मुस्लिम मतदाताओं में इजराईल फिलिस्तीन तथा रूस यूक्रेन युद्ध को रोक शांति स्थापित कराने की उनकी घोषणा रहीं। चर्चा हे कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खास दोस्त डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रतिद्वंदी दल के आरोपों को ही मोदी की तरह चुनाव प्रचार में अपना हथियार बना दिया।

डोनाल्ड ट्रंप के विजय भाषण में मोदी मोदी के नारे लगना यह दर्शाता है कि इस बार भी प्रवासी भारतीय मोदी के कारण ट्रंप के साथ हो गए। पिछली बार के चुनाव में भी प्रधान मंत्री मोदी ने ट्रंप के समर्थन में हवा बनाई थी। इस बार "हाउदी मोदी से, नमस्ते ट्रंप" का नारा चल निकला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई देते हुए कहा कि मेरे मित्र डोनाल्ड ट्रंप को ऐतिहासिक चुनावी जीत मिलने पर हार्दिक बधाई। हम मिलकर वैश्विक शांति पर काम करेंगे। भारत और अमेरिका के रिश्ते और अधिक मजबूत होंगे। हम मिलकर स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को बहुमत मिलने पर फ्लोरिडा में  डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रंप हैडक्वॉर्टर में अपने पहले संबोधन में कहा कि यह एक ऐसी राजनीतिक जीत है जो हमारे देश ने पहले कभी नहीं देखी, ऐसी कोई जीत नहीं हुई। मैं आपके लिए, आपके परिवार के लिए और आपके भविष्य के लिए लड़ूंगा। हर एक दिन,मैं अपने शरीर की हर सांस के साथ आपके लिए लड़ूंगा। मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगा, जब तक हम मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध अमेरिका नहीं बना देते जिसके हमारे बच्चे और आप हकदार हैं। यह वास्तव में अमेरिका का स्वर्णिम युग होगा। हमें स्विंग स्टेट्स का साथ मिला। किसी को भी इस तरह की जीत की उम्मीद नहीं थी। हम अमेरिका की सभी समस्याएं दूर करेंगे। इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप के साथ पत्नी मेलानिया ट्रंप, बेटी इवांका ट्रंप और दामाद भी मौजूद रहे।

अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव 2024 को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की बढ़ती बढ़त को लेकर एलन मस्क ने एक्स पर पोस्ट की। एलन मस्क ने लिखा है कि भविष्य शानदार होने वाला है। अमेरिका के लोगों ने आज रात डोनाल्ड ट्रंप को बदलाव के लिए स्पष्ट जनादेश दिया। अमेरिका बिल्डरों का देश है, जल्द ही, आप निर्माण करने के लिए स्वतंत्र होंगे।

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को बहुमत मिला है। ट्रंप को अब तक 277 इलेक्टोरल वोट मिले। फोकस न्यूज  ने घोषणा की कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति  बने । कमला हैरिस को सिर्फ 226 इलेक्टोरल वोट मिले। अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव 2024 में डोनाल्ड ट्रंप ने 17 राज्यों में जीत दर्ज की। इसमें व्योमिंग, पश्चिमी वर्जीनिया, टेक्सास, टेनेसी, साउथ डकोटा, साउथ केरोलाइना, ओक्लाहोमा, ओहायो,  नेब्रास्का, नॉर्थ डकोटा, मिसिसिप्पी, लुइसियाना, केंटकी, इंडियाना, फ्लोरिडा, आरकैंसस, एलाबामा प्रांत शामिल है।
हालांकि ट्रंप का गढ़ माने जाने वाले डेलावेयर में कमला हैरिस ने जीत दर्ज कर इतिहास बनाया।

कमला हैरिस ने न्यूयॉर्क और कोलाराडो में जीत दर्ज की। इसके साथ ही उन्होंने मैरीलैंड, इलिनॉय में भी जीत दर्ज की। कमला हैरिस ने 9 राज्यों में जीत दर्ज की.कनेक्टिकट, डेलावेयर, इलिनॉय, मैसाच्युसेट्स, मैरीलैंड, न्यूजर्सी, न्यूयॉर्क, रोड आइलैंड और वरमोंट शामिल है।प्रारंभिक परिणामों में डोनाल्ड ट्रंप को 195 और कमला हैरिस को 113 इलेक्टोरल वोट मिले। डोनाल्ड ट्रंप  7 फीसदी वोटों से आगे रहे । डोनाल्ड ट्रंप को टेक्सास, ओहियो, लुइसियाना, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा, व्योमिंग और कंसास में जीत मिली। 

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय अमेरिकी नागरिकों पर दुनिया की नजरें टिकी हुई थी। इसका सबसे बड़ा कारण कमला हैरिस की जड़ें भारत से होना था । उन्हें भारतीयों  का समर्थन मिलने की उम्मीद थी लेकिन हकीकत इसके उलट हुआ। अधिकांश युवा भारतीय अमेरिकी इस चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में खुलकर सामने आए । उनका मानना है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारत और अमेरिका के संबंध पहले से और मजबूत होंगे। उनका यह भी मानना है कि अब मोदी का 'अबकी बार ट्रंप सरकार' का नारा साकार हुआ हैं। इसलिए भारतीयों ने दिल खोल कर ट्रंप पर वोट बरसाए। इसके अलावा ट्रंप की मोदी के प्रति नजदीकी और भारत-अमेरिका संबंधों में सुधार के वादे ने उन्हें आकर्षित किया है। ट्रंप आर्थिक अवसरों, स्थिरता और पारंपरिक मूल्यों को प्राथमिकता देते हैं। इसलिए उन्होंने ट्रंप को बेहतर नेता माना हैं।

अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी मतादातों की कुल संख्या 1.5 प्रतिशत के करीब है। हालांकि, उनका प्रभाव अमेरिकन जब जीवन पर काफी अधिक है। पहले डेमोक्रेट पार्टी के प्रति वफादार माने जाने वाले भारतीय मूल के अमेरिकियों का एक बड़ा हिस्सा अब ट्रंप के समर्थन में खड़ा हो गया । यह अमेरिका की राजनीति में चौंकाने वाली घटना है।  पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में 'अबकी बार ट्रंप सरकार' का नारा देते हुए उनके पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की थी। उनका असर बीते चुनाव में तो नहीं हुआ, लेकिन इस बार यह हकीकत में बदला। दूसरी पीढ़ी के भारतीय-अमेरिकी अब समृद्धि की तलाश में हैं और उन्हें कमला हैरिस की तुलना में डोनाल्ड ट्रंप बेहतर और सक्षम नेता लगे हैं। ट्रंप की टीम ने भी इस बात को महसूस किया और उन्होंने युवा भारतीय-अमेरिकी पुरुषों तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास किया। वहीं, कमला हैरिस को अधिकतर लोगों ने ब्लैक समुदाय से जुड़ा हुआ माना। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की है और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की निंदा की । उन्होंने अपनी 'हाउडी मोदी' रैली का जिक्र किया, जो भारतीय समुदाय को यह संदेश देने के लिए था कि वह उनके पक्ष में हैं।  प्रधानमंत्री मोदी ने 2020 के चुनाव में ट्रंप का समर्थन किया था, लेकिन  उस चुनाव में उन्होंने कमला हैरिस के लिए कोई मजबूत समर्थन  व्यक्त नहीं किया ।
कुल मिलाकर कमला हैरिस के भारतीय समुदाय से दूर होने और ट्रंप प्रशासन से बेहतर अवसर मिलने की धारणा ने भारतीय मूल के अमरीकन मतदाताओं को ट्रंप के समर्थन में ला खड़ा कर दिया ।

अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दोस्ती को नए आयाम मिलने पर दुनिया की नजर टिकी हुई है। इसलिए आने वाले वक्त में यह देखना दिलचस्प  होगा कि  भारत अमरीका के संबंधों के साथ ही दुनिया की राजनीति और कुटनीति किस मोड की ओर जाने वाली है?


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