### हिंदुस्तान जिंक का राजस्थान में बाल शिक्षा के लिए 36 करोड़ का निवेश

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Published on : 06 Nov, 24 15:11

### हिंदुस्तान जिंक का राजस्थान में बाल शिक्षा के लिए 36 करोड़ का निवेश

जयपुर: हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने ग्रामीण शिक्षा के उन्नयन के लिए राजस्थान के शिक्षा विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अगले पाँच वर्षों में 36 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह समझौता राइजिंग राजस्थान एजुकेशन प्री-सम्मिट के दौरान किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और युवा एवं खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ उपस्थित रहे। कंपनी की ओर से मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा और सीएसआर प्रमुख अनुपम निधि ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी के साथ किया गया।

### शिक्षा संबल पहल के तहत तीन मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान

हिंदुस्तान जिंक की शिक्षा संबल पहल के तहत, शिक्षकों के प्रशिक्षण, सामयिक शिविरों और माध्यमिक छात्रों के लिए अनुकूल शिक्षण विधियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके तहत, चयनित विद्यालयों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, जिसमें स्मार्ट क्लासरूम, स्वच्छता सुविधाएँ और प्रौद्योगिकी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, करियर मार्गदर्शन और कौशल प्रशिक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी।

### 2 लाख से अधिक छात्रों को मिलेगा लाभ

वेदांता समूह द्वारा राजस्थान में 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा के बाद, इस एमओयू के माध्यम से हिंदुस्तान जिंक और राज्य शिक्षा विभाग 72 राजकीय विद्यालयों में शैक्षिक बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करेंगे, जिससे प्रति वर्ष 2 लाख से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।

### कंपनी की प्रतिबद्धता

हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने इस पहल को कंपनी की सतत विकास और समावेशी प्रगति की प्रतिबद्धता बताया। उन्होंने कहा कि यह निवेश शिक्षा के मानकों को ऊंचा करेगा और राजस्थान के भविष्य के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाएगा।

हिंदुस्तान जिंक की "शिक्षा संबल" पहल 2008 से राजस्थान में संचालित है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और वंचित समुदायों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। इसके अंतर्गत, कंपनी ने 1400 से अधिक नंद घर स्थापित किए हैं, जिनसे 2.5 लाख से अधिक महिलाएं और बच्चे लाभान्वित हुए हैं।


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